लखनऊ, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कल एक डिनर पार्टी का आयोजन किया है, जिसमे पार्टी के सभी बड़े नेता सहित सारे विधायक शामिल होंगे। वैसे औपचारिक रूप से, गौरीगंज विधायक राकेश प्रताप सिंह की तरफ से इस डिनर का आयोजन किया गया है।
सूत्रों के अनुसार, अखिलेश यादव डिनर पार्टी के माध्यम से एक तीर से कई शिकार करेंगे। वह जहां समाजवादी पार्टी मे एकजुटता का संदेश देंगे, वहीं वह अपने परिवार मे चल रही पावर पालिटिक्स को भी विराम देंगे। साथ ही वह लोकसभा उपचुनाव के बाद अब राज्यसभा चुनाव मे अपने दम पर बसपा उम्मीदवार के पक्ष मे समर्थन जुटा , बीजेपी को परास्त करने वाले नेता के रूप मे अपनी इमेज बिल्डिंग करेंगे।
अखिलेश यादव की 21 मार्च की डिनर पार्टी मे मुलायम सिंह यादव, प्रोफेसर राम गोपाल यादव, शिवपाल यादव समेत कई पूर्व मंत्री भी शामिल होंगे। इसमे निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजा भैय्या समेत कई निर्दलीय और छोटी पार्टी के नेताओं को भी न्योता दिया गया है।
सूत्रों के अनुसार, डिनर पार्टी का मुख्य उद्देश्य राज्यसभा की वोटिंग से पहले, सभी विधायकों को एक साथ रखना है। 23 मार्च को यूपी की 10 राज्यसभा सीटों के लिए मतदान होंगे। विधायकों की संख्या बल के अनुसार, भाजपा के 8 और समाजवादी पार्टी का एक उम्मीदवार का जीतना तय है। सारी लड़ाई बीजेपी के नौवे उम्मीदवार और बसपा के एकमात्र उम्मीदवार के बीच है। बसपा के उम्मीदवार को जिताने के लिये अखिलेश यादव बड़ा दांव खेल रहें हैं।
यूपी में कुल 403 विधानसभा सीट हैं। भाजपा के पास सहयोगियों समेत 324 सीट हैं। राज्यसभा में एक उम्मीदवार भेजने के लिए 37 वोट चाहिए। 8 उम्मीदवारों के लिए 296 वोट जाने के बाद भाजपा के पास 28 वोट बचेंगे। अगर उसे 9 वोट और मिले तो उसका नवां उम्मीदवार भी राज्यसभा पहुंच जाएगा। उसमे भी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के 4 विधायक हैं। अगर ये बीजेपी को वोट नही करतें हैं तो उसे 13 वोटों की जरूरत होगी।
इधर, बसपा के उम्मीदवार भीमराव अंबेडकर के पास 19 वोट हैं। सपा के शेष 10 विधायकों, कांग्रेस के सातों और राष्ट्रीय लोकदल(रालोद) के एक मात्र विधायक का समर्थन मिलता है तो बसपा उम्मीदवार भी जीत सकता है। लेकिन नरेश अग्रवाल के पाला बदलने से उनके पुत्र नितिन अग्रवाल का भी वोट सपा से खिसक सकता है। इसलिये कुछ सपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार भी बसपा को वोट कर सकतें हैं।