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कहीं आपके फोन पर भी तो नहीं आ रहे इन नंबर से कॉल..?

नई दिल्ली,क्या आपने कभी मिस्ड कॉल के बिल के बारे में सुना है? यूके में लोग इसी से परेशान हैं. और धीरे धीरे ये परेशानी दुनियाभर में फैलती जा रही है. मुंबई में सिम स्वैपिंग से ठगी का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे जानकर आपके होश उड़ जाएंगे. यहां के माहिम इलाके में रहने वाले बिजनेसमैन वी शाह के मोबाइल पर 27-28 दिसंबर की रात दो नए नंबरों से 6 मिस कॉल आए और इसके कुछ ही देर बाद उनके खाते से 2 करोड़ रुपये निकाल लिए. जब इस बात का पता उन्हें लगा तब तक उनके खाते से 14 अलग-अलग खातों में यह रकम ट्रांसफर हो गई.

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बताया जा रहा है कि जिन नंबरों से उन्हें कॉल आई उनमें एक ब्रिटेन का कोड (+44) था. उन्होंने इस नंबर पर कॉल बैक किया तो उन्हें पता लगाई कि उनका नंबर भी बंद हो गया है. अनहोनी की आशंका होने पर वो बैंक के पास गए. यहां उन्होंने देखा कि उनके खाते से 1.86 करोड़ रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर किए गए हैं.

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बैंक ने भी तत्काल कदम उठाते हुए 20 लाख रुपये वापस ले आए. जबकि, बाकी की रकम ठगों ने खाते से निकाल ली थी. उनकी शिकायत पर बीकेसी साइबर क्राइम पुलिस ने आईपीसी की धारा 420, 419, 34 और आईटी एक्ट की धारा 43 और 66D के तहत एफआईआर दर्ज करके मामले की जांच शुरू कर दी है.

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पुलिस का कहना है कि ठगों के हाथ शाह का यूनिक सिम नंबर लगा होगा और इसी के आधार पर उन्होंने सिम स्वैपिंग के लिए रिक्वस्ट की होगी. हालांकि, शाह ने यूनिक सिम नंबर किसी के साथ शेयर नहीं किया है.सायबर एक्सपर्ट्स का कहना है कि ठग फिशिंग, वॉयस फिशिंग और स्किमिंग के जरिये यूजर की पर्सनल डिटेल्स इकट्ठा कर लेते हैं. इसके बाद वो फोन में मालवेयर इंस्टाल करके भी यूजर की सिम रिलेटेड और पर्सनल जानकारी कलेक्ट करके ठगी को अंजाम दे सकते हैं.

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जानकारों के मुताबिक, सिम स्वैपिंग के दौरान मैसेज भेजने के कुछ देर बाद ग्राहक का मोबाइल नम्बर ब्लॉक हो जाता है. फिर यूजर का मोबाइल नम्बर ब्लॉक होने के बाद वे ग्राहक की फेक आईडी प्रूफ की मदद से उस नम्बर की डुप्लीकेट सिम निकाल लेते हैं और मोबाइल नम्बर और ओटीपी हासिल करके ग्राहक के ऑनलाइन बैंकिंग पॉसवर्ड को बदल देते हैं और फिर इसका इस्तेमाल करके पैसे ट्रांसफर कर लेते हैं या शॉपिंग करते हैं.

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