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लोकसभा उपचुनाव मे अब कांग्रेस भी दे सकती है समाजवादी पार्टी को समर्थन

नई दिल्ली , उत्तर प्रदेश की दो लोकसभा सीटों फूलपुर और गोरखपुर के उपचुनावों मे जहां प्रदेश के दो कट्टर विरोधी समाजवादी पार्टी-बहुजन समाज पार्टी साथ आ गए हैं और तीसरे दल आरएलडी ने समर्थन का संकेत दिया है, वहीं खबर है कि इस गठबंधन को मजबूती देने के लिए कांग्रेस भी अपना हाथ आगे बढ़ा सकती है।

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 चर्चा है कि कांग्रेस अब बीजेपी को रोकने के लिए दोनों सीटों के लिए घोषित अपने उम्मीदवारों को बैठाकर समाजवादी पार्टी का समर्थन कर सकती है। बहुजन समाज पार्टी ने इस उपचुनाव के लिए दोनों सीटों पर समाजवादी पार्टी का समर्थन करने का ऐलान किया है। दरअसल, दोनों दलों के बीच राज्यसभा व विधान परिषद की सीटों को लेकर आपसी समझौता हो चुका है।  बहुजन समाज पार्टी  के बाद आरएलडी ने समाजवादी पार्टी के समर्थन का ऐलान किया है। साथ ही कई छोटे दल पहले ही समाजवादी पार्टी को समर्थन देने की घोषमा कर चुकें हैं।

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 अब कांग्रेस से भी संकेत आए कि वह भी समाजवादी पार्टी के पक्ष में अपना समर्थन दे सकती है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के भीतर इस मुद्दे को लेकर बाकायदा विचार विमर्श चल रहा है। हालांकि 11 मार्च को होने वाली वोटिंग के मद्देनजर इस मुद्दे को लेकर पार्टी के भीतर दो मत हैं। एक मत के मुताबिक, अब देर हो चुकी है और कांग्रेस को आगे बढ़ना चाहिए।

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 इस बारे में राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी का कहना था कि कांग्रेस वहां काफी मेहनत कर रही है, पूरी तैयारी से हम चुनाव लड़ रहे हैं, हमें उम्मीद है कि हम जीतेंगे। जबकि दूसरा धड़ा मानता है कि बीजेपी को रोकने के लिए जब सभी दल आपस में मिल रहे हैं तो कांग्रेस को ऐसे में दूर नहीं रहना चाहिए। खासकर इस धड़े के लोगों की दलील है कि जब विपक्ष 2019 में बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने और बड़े गठबंधन के विकल्प पर विचार कर रहा हो तो ऐसे में इस समय मिलकर आगे बढ़ने में ही समझदारी है।

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 पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना था कि अगले आम चुनावों में यूपी में समाजवादी पार्टी- बहुजन समाज पार्टी  सहित सभी दलों के साथ तालमेल होने की संभावना है, इसलिए ऐसे किसी गठबंधन की संभावना को नकारा नहीं जा सकता। उल्लेखनीय है कि इस उपचुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी के साथ तालमेल को लेकर पहले भी कोशिश हुई थी। कांग्रेस का शुरू से ही मानना रहा है कि यूपी में बीजेपी को अकेले नहीं हराया जा सकता। इसलिए उसने एक-एक सीट के फॉर्म्युले के साथ समाजवादी पार्टी के साथ जाने का प्रस्ताव रखा था। इस प्रस्ताव पर बातचीत भी हुई, लेकिन बात बनी नहीं और अंत में कांग्रेस ने दोनों सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया।

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 समर्थन दिये जाने पर, पार्टी के भीतर फिर विचार विमर्श चल रहा है। अंतिम फैसला आलाकमान को लेना है। अब संकेत मिल रहे हैं कि अगले एक दिन में इस पर कोई फैसला हो सकता है, जिसमें कांग्रेस अपने उम्मीदवार मैदान में रहने भले ही दे, लेकिन समाजवादी पार्टी के समर्थन का ऐलान कर दे।