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वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी का गंभीर आरोप- राज्यपाल ने नरेंद्र मोदी की सलाह पर काम किया

नई दिल्ली, वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने कर्नाटक में भाजपा को सरकार बनाने का आमंत्रण देने के राज्यपाल के फैसले के खिलाफ आज उच्चतम न्यायालय का रुख किया। उन्होंने राज्यपाल के फैसले को ‘‘ संवैधानिक शक्ति का घोर दुरुपयोग ’’ बताया। जेठमलानी ने कहा कि मुझे कोई शक नहीं है कि राज्यपाल ने नरेंद्र मोदी की सलाह पर काम किया है।

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 राम जेठमलानी अपनी अर्जी लेकर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच के सामने पहुंचे। उन्होने सीजेआई से कहाकि मैं यहां किसी पार्टी की तरफ से नहीं बल्कि निजी तौर पर आया हूं।  इस पर सीजेआई ने तत्काल सुनवाई के लिए दायर की गई जेठमलानी की याचिका पर विचार किया और कहा कि आज तड़के मामले की सुनवाई करने वाली तीन सदस्यीय विशेष पीठ कल इस पर सुनवाई करेगी।

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 न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता से कहा कि वह न्यायमूर्ति ए के सीकरी की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष 18 मई को अपनी याचिका दायर करें, जब कांग्रेस पार्टी और जनता दल ( सेक्यूलर ) की याचिकाओं पर सुनवाई होगी। जेठमलानी ने मीडिया से कहा, ”राज्यपाल का आदेश पूरी तरह से संवैधानिक शक्तियों के दुरुपयोग का मामला है। कोर्ट को संज्ञान लेना चाहिए। मैं शुक्रवार को कोर्ट में मौजूद रहूंगा।”

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 उन्होंने कहा कि मैं बीती बात नहीं करना चाहता, लेकिन मेरी जिंदगी का एक मकसद पूरा नहीं हुआ है और वो मोदी से मुक्ति पाने का। वरिष्ठ वकील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से मेरा विश्वास उठ गया है। ये हॉर्स ट्रेडिंग नहीं है, ये डंकी ट्रेडिंग है। भ्रष्टाचार को खुलेआम बढ़ावा दिया जा रहा है, वह सिर्फ लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाकर ही वोट हासिल कर सकते हैं।

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 जेठमलानी ने कहा, ”जो कुछ भी हुआ, उससे साफतौर पर जाहिर है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था खत्म हुई। कुछ मौके पर ऐसी चीजें हो सकती हैं, पर इन मामलों में पार्टी के दखल देने का तरीका सही नहीं है। सब जानते हैं कि भाजपा ने जो कहा राज्यपाल ने वही किया और ऐसा मुर्खतापूर्ण फैसला ले लिया। अगर आप निजी हित के लिए आंकड़े सार्वजनिक नहीं कर रहे हैं तो यह संविधान के खिलाफ है। राज्यपाल ने भाजपा को सरकार बनाने का न्यौता देकर खुलेतौर पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया।”

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 95 वर्षीय राम जेठमलानी वकालत से संन्यास लेने के 10 महीने बाद आज सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। जेठमलानी ने 9 सिंतबर, 2017 को एक कार्यक्रम में वकालत से संन्यास की घोषणा की थी। संन्यास के दौरान उन्होंने कहा था कि भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ मेरी लड़ाई जारी रहेगी। मौजूदा वक्त में देश की हालत अच्छी नहीं है। देश को कठिन दौर से उबारने की जिम्मेदारी सभी नागरिकों की है। उन्होंने करीब 75 साल से ज्यादा समय तक वकालत की।

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