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लॉकडाउन के बीच गुजरात सरकार ने लिया बड़ा निर्णय

गांधीनगर, लाकडाउन के बीच गुजरात सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि 20 अप्रैल से राज्य सरकार के कार्यालय शुरू होंगे।

श्री रूपाणी के सचिव अश्विनी कुमार ने बताया कि तीन मई तक बढ़ाये गये देशव्यापी लॉकडाउन के मौजूदा हालात में केंद्र सरकार द्वारा 20 अप्रैल से सरकारी कार्यालयों को कार्यरत करने के लिए जारी दिशा-निर्देशों के बाद राज्य सरकार के कार्यालयों को भी उन्हीं नियमों के अधीन फिर से कार्यरत करने का निर्णय लिया गया है। सरकारी कार्यालयों को 20 अप्रैल से तीन मई तक सीमित स्टाफ के साथ चालू करने का निर्णय किया है।

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कोरोना वायरस के व्यापक संक्रमण वाले क्षेत्रों और हॉटस्पॉट एवं कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित किए गए क्षेत्रों में ऐसे कार्यालयों को चालू नहीं किया जाएगा। इन क्षेत्रों में रहने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों को भी ड्यूटी पर आने से छूट दी गई है। इन क्षेत्रों के सिवाय राज्य सरकार के सभी प्रशासनिक विभागों और कार्यालयों को नियंत्रित सीमित स्टाफ के साथ तथा सोशल डिस्टेंसिंग यानी सामाजिक दूरी बनाए रखने के नियमों का अनुपालन करते हुए चालू रखने के निर्देश दिए गए हैं।

कोविड-19 वायरस के साथ सीधे जुड़े कर्मचारी, अधिकारी तथा कलक्टर, पंचायत, नगरपालिका व महानगरपालिका की आवश्यक सेवाएं, पुलिस, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, गैस, बिजली और जलापूर्ति से जुड़े तथा संलग्न कार्यालय पहले की तरह चालू रहेंगे। यही नहीं, वन विभाग के अधीन कार्यालय, चिड़ियाघर, नर्सरी, वन्य-जीव संबंधित गतिविधियां भी चालू रहेंगी।

वर्ग-1 और 2 के अधिकारियों को कार्य की जरूरत के आधार पर उनके विभाग या कार्यालय प्रमुख के निर्देश के अनुसार कार्यालय में उपस्थित रहना होगा। वहीं, वर्ग-3 या उससे नीचे के कर्मचारियों के संबंध में 33 फीसदी तक के स्टाफ की उपस्थिति की व्यवस्था करनी होगी तथा अन्य अधिकारी और कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम करेंगे।

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इन निर्देशों के साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग और कर्मचारियों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए कार्यालय क्षेत्र के भीतर सभी जगहों को शरीर के लिए हानिकारक न हो इस तरह से संक्रमण मुक्त बनाना होगा। इस कार्य में स्थानीय निकाय या प्राधिकरणों की मदद ली जा सकती है।

सभी कार्यालयों के हरेक कर्मचारियों को कार्यस्थल पर अनिवार्य रूप से मास्क या चेहरा ढंकने के लिए फेस कवर पहनना होगा। क्षेत्र में प्रवेश करने वाले सभी वाहनों और यंत्र सामग्रियों को स्प्रे कर संक्रमण मुक्त बनाया जाएगा। कार्यस्थल पर प्रवेश करने और वापस लौटने वाले सभी व्यक्तियों की अनिवार्य रूप से थर्मल स्केनिंग करनी होगी।

इतना ही नहीं प्रवेश और निकास स्थलों पर तथा सामूहिक उपयोग के स्थल पर हाथ धोने और सेनेटाइजर की व्यवस्था करनी होगी। लिफ्ट या हॉइस्ट में एक वक्त में दो या चार व्यक्तियों से अधिक व्यक्तियों को नहीं जाने दिया जाएगा। अत्यंत आवश्यक कार्य वालों को छोड़कर अन्य सभी आगंतुकों के कार्यालय प्रवेश पर संपूर्ण प्रतिबंध रहेगा।

कार्यस्थल पर बैठक करने की स्थिति में पांच या उससे अधिक व्यक्तियों को एकत्रित नहीं करने के निर्देश दिये गये हैं तथा ऐसी बैठक में दो लोगों के बीच कम से कम छह फुट का अंतर रखने को कहा गया है।

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विश्वव्यापी महामारी कोरोना वायरस के राज्य में बढ़ रहे संक्रमण के चलते राज्य के सभी नागरिकों को कोविड-19 के अंतर्गत नामित अस्पतालों में कोविड-19 का उपचार निःशुल्क प्रदान करने की घोषणा की गयी है। महानगरों में डेडिकेटेड कोविड अस्पताल और जिला मुख्यालयों में 100 बिस्तरों वाले कोविड अस्पताल कोरोना मरीजों के उपचार के लिए कार्यरत किए हैं।

कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते राज्य के 26 जिलों में कुल 3,100 बिस्तरों की क्षमता वाले 31 निजी अस्पताल कोविड-19 के तहत नामित (डेजिग्नेटेड) अस्पताल के रूप में सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे अस्पतालों के साथ फिलहाल दो महीने का अनुबंध किया गया है, लेकिन आवश्यकता पड़ने पर उसे बढ़ाया या घटाया जा सकता है।

यही नहीं, यदि जिला कलक्टर उनके जिलों में और अधिक निजी अस्पतालों को नामित कोविड अस्पताल के रूप में शुरू कराते हैं तो ऐसे अस्पतालों में भी निःशुल्क उपचार सुविधा मुहैया कराई जाएगी। कोविड कोरोना नामित निजी अस्पतालों में इंडोर और आउटडोर सभी मरीजों को उपचार और दवाइयां मुफ्त प्रदान की जाएगी। कोरोनाग्रस्त मरीज इलाज के बाद ठीक होने पर अस्पताल से डिस्चार्ज होंगे तो उन्हें उसके बाद भी पांच दिनों तक चाय, नास्ता और दो वक्त का भोजन तथा दवाइयां निःशुल्क प्रदान की जाएगी।

कोरोना के संदिग्ध मरीजों के खून के नमूने का परीक्षण सरकारी प्रोटोकॉल के अनुसार किया जाएगा और उसका खर्च ऐसे अस्पतालों को रिम्बर्स किया जाएगा। राज्य सरकार ऐसे कोविड अस्पताल के लिए पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) किट, एन-95 मास्क, ट्रिपल लेयर मास्क और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन टैबलेट मुहैया कराएगी। ऐसे नामित अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मी की कोरोना संक्रमण के चलते मृत्यु होने पर राज्य सरकार की घोषणा के अनुसार 25 लाख रुपए की सहायता उस स्वास्थ्यकर्मी के परिवार को दी जाएगी।

लॉकडाउन के 24वें दिन आज राज्य में 46.58 लाख लीटर दूध का वितरण किया गया है जबकि राज्य की मंडियों में 92,350 क्विंटल सब्जी और 11,189 क्विंटल फलों की आवक हुई है जिसमें 20,075 क्विंटल आलू, 26,468 क्विंटल प्याज, 6,865 क्विंटल टमाटर और 38,940 क्विंटल अन्य हरी सब्जियां तथा 408 क्विंटल सेब, 866 क्विंटल केला और 9,914 क्विंटल अन्य फल शामिल हैं।