मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगरा जल निगम के जीएम कृष्ण गोपाल सिंह, मुरादाबाद के मुख्य अभियंता राजीव शर्मा और वाराणसी ट्रांस वरुणा के अधिशासी अभियंता ज्ञानेंद्र कुमार को निलंबित किया है. इन तीनों अधिकारियों को कार्यों में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित किया गया. कहा जा रहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी की योजना नमामि गंगे परियोजना में लापरवाही बरतने वाले कई अन्य अफसरों पर भी कार्रवाई की गाज गिर सकती है.
प्रमुख सचिव नगर विकास मनोज कुमार सिंह ने बताया कि मुरादाबाद में नमामि गंगे परियोजना का कार्य मार्च 2018 में पूरी होना था, लेकिन समीक्षा में पता चला कि जून 2018 तक भी परियोजना पूरी नहीं हो सकी. इसके बाद मुख्य अभियंता राजीव शर्मा को निलंबित कर दिया गया है. उधर वाराणसी ट्रांस वरुणा में एसटीपी बनकर तैयार हो गया है. इससे 50,000 सीवर कनेक्शन देने का लक्ष्य भी रख दिया गया. इसके बाद भी काम को समय से अंजाम नहीं दिया गया.
मामले में अधिशासी अभियंता ज्ञानेंद्र कुमार चौधरी ने शासन को गुमराह भी किया. उन्होंने शासन को बताया कि 20,000 घरों में कनेक्शन दे दिया गया है, शेष जल्द दे दिया जाएगा. लेकिन जब जांच हुई तो उनके द्वारा बताये गए आंकड़े झूठे साबित हुए. जिसके बाद उन निलंबन की गाज गिरी.
स्वच्छ गंगा परियोजना का आधिकारिक नाम एकीकृत गंगा संरक्षण मिशन परियोजना या ‘नमामि गंगे’ है. यह मूल रुप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम मिशन है. प्रधानमंत्री बनने से पहले ही मोदी ने गंगा की सफाई को बहुत समर्थन दिया था. उन्होंने वादा किया था कि वह यदि सत्ता में आए तो वो जल्द से जल्द यह परियोजना शुरु करेंगें. अपने वादे के अनुसार उन्होंने प्रधानमंत्री बनते ही कुछ महीनों में यह परियोजना शुरु कर दी थी.