ओबीसी को बांटने के आरोपों से बचने के लिये, मोदी सरकार ने लिया ये बड़ा निर्णय
November 23, 2018
नयी दिल्ली, मोदी सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग को बांटने के आरोपों के चलते , लोकसभा चुनाव को निकट देख एक बड़ा निर्णय लिया है। सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग ;ओबीसी में उपवर्गीकरण के लिए गठित समिति का कार्यकाल 31 मई 2019 तक बढ़ा दिया है।
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को भंग कर ओबीसी के उपवर्गीकरण के लिए जस्टिस रोहिणी कमीशन का गठन कर दिया था। केंद्र सरकार के मुताबिक ओबीसी आरक्षण का लाभ उन्हें अधिक मिलना चाहिए जो ओबीसी में शामिल तो हैं लेकिन विकास के मामले में सबसे निचले पायदान पर हैं। लेकिन सूत्रों के अनुसार, ओबीसी की जातियों ने इसे सरकार की फूट डालने की रणनीति करार दिया।
ओबीसी के उपवर्गीकरण पर बनी समिति का कार्यकाल, 30 नवंबर को समाप्त हो रहा था। सूत्रों के अनुसार, लोकसभा चुनाव को देखते हुये, मोदी सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग को बांटने के आरोपों से बचने के लिये इस समिति का कार्यकाल,31 मई 2019 तक के लिए बढ़ा दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि मंत्रिमंडल ने केंद्रीय सूची में ओबीसी के उपवर्गीकरण पर बनी समिति का कार्यकाल छह महीने के लिए बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसका कार्यकाल 30 नवंबर को समाप्त हो रहा था। अब इसे 31 मई 2019 तक के लिए बढ़ा दिया गया है।
आधिकारिक जानकारी में बताया गया है कि समिति ने राज्य सरकारों, राज्य पिछड़ा आयोगों, विभिन्न पिछड़ा वर्गों के लोगों तथा अन्य हितधारकों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श के बाद ओबीसी के भीतर मौजूद उपजातियों की विस्तृत सूची तैयार की है। उनकी शिक्षा, केंद्रीय विभागों, सार्वजनिक कंपनियों और वित्तीय संस्थानों में नौकरियों में उनकी मौजूदगी आदि का विवरण भी तैयार किया गया है।
इन आँकड़ों और तथ्यों के आधार पर समिति को सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी। समिति ने अंतिम रिपोर्ट और सिफारिशें सौंपने से पहले राज्यों तथा राज्य पिछड़ा वर्ग आयोगों से एक बार फिर चर्चा करना चाहती है। इसी के मद्देनजर समिति को अतिरिक्त समय दिया गया है।