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अभी तो यह शुरुआत है, खो खो को ओलंपिक खेल बनाना है: सुधांशु मित्तल

नई दिल्ली,  भारतीय खो-खो महासंघ के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने बुधवार को कहा कि खो-खो ने अब रफ्तार पकड़ ली है और विश्व में इस खेल ने अपनी पहचान बना ली है।
उन्होंने कहा कि बहुत से देश अब खो खो खेल को जान रहे हैं तथा अपने देशों में इस खेल के बारे मे लोगों को बता भी रहे हैं। सुधांशु का मानना है कि जल्द ही खो-खो अपनी जगह ओलंपिक में भी बना लेगा। उन्होंने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि अल्टीमेट खो-खो लीग अब लाइव सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया पर दिखाई जाएगी जिससे खिलाड़ियों का मनोबल बहुत बढ़ेगा, साथ ही भारत में खो खो की के प्रति लोगों की रूचि ओर भी बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा खेल है जो हमने कई बार बचपन में खेला होगा किंतु जैसे-जैसे समय बीता लोगों ने इस खेल को भुला सा दिया था पर आज खो-खो नई ऊंचाइयों को छू रहा है और अब युवा खिलाड़ियों को खो खो में अपना कैरियर नजर आ रहा है। जो बहुत ही अच्छी बात है। हमें उम्मीद है कि जिस तरीके से खो खो आगे बढ़ रहा है जल्द ही यह ओलंपिक खेल भी बनेगा।
सुधांशु मित्तल ने साथ ही कहा कि सोनी टेलीविजन खो खो लीग के आधिकारिक प्रसारणकर्ता के रूप में इस खेल को हर घर में ले जाएगा। हम सभी स्तरों पर प्रोत्साहन और समर्थन प्रदान करके खो खो जैसे स्वदेशी खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार के भी आभारी हैं। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने स्वदेशी खेलों के लिए इतनी बार सार्वजनिक रूप से समर्थन दिया और हमें वास्तव में वैश्विक बनने के लिए प्रोत्साहित किया।
हाल ही में, भारतीय खो-खो महासंघ और अल्टिमेट खो खो (यूकेके) ने 18 जनवरी से 15 फरवरी तक अपने खिलाड़ियों के लिए पहली बार वैज्ञानिक उच्च-प्रदर्शन राष्ट्रीय शिविर का आयोजन किया। देश के शीर्ष खो खो खिलाड़ी चार सप्ताह के करीब अपनी शारीरिक क्षमताओं को तेज किया और खेल विज्ञान आधारित प्रौद्योगिकियों की मदद से खेल में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए आवश्यक फिटनेस के विभिन्न पहलुओं का पता लगाया।
विशेषज्ञ आंखों के नीचे खिलाड़ियों के लिए कठोर प्रशिक्षण के बाद, शिविर 12-15 फरवरी को नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में केकेएफआई के 2021 सुपर लीग खो खो टूर्नामेंट का भी गवाह बना, जो खो खो प्रेमियों के बीच सुपर हिट साबित हुआ। 138 खिलाड़ियों को दस टीमों (पुरुषों के लिए आठ और महिलाओं के लिए दो) में विभाजित किया गया था क्योंकि टूर्नामेंट में अंतिम अल्टिमेट खो खो के नए खेल नियमों के साथ मैच दिखाए गए जिसका उद्देश्य खो खो के खेल को फिर से ब्रांड बनाना है जैसा कि इसके पहले कभी नहीं हुआ था।
सुधांशु ने साथ ही कहा कि वैज्ञानिक उच्च प्रदर्शन राष्ट्रीय शिविर से खिलाड़ियों तथा कोचों को काफी फायदा हुआ है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक शिविर के दौरान, हमने सही तकनीकों और प्राप्त प्रौद्योगिकी-आधारित कौशल प्राप्त करने के लिए आवश्यक मार्गदर्शन के साथ खिलाड़ियों की समग्र फिटनेस और शारीरिक क्षमताओं में सुधार करने पर ध्यान केंद्रित किया।