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आखिर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आरक्षण की जरूरत को स्वीकारा

संघ प्रमुख मोहन भागवत को आरक्षण और सामाजिक भेदभाव को आखिर स्वीकारना पळा. संघ प्रमुख ने कहा कि जब तक सामाजिक भेदभाव रहेगा, तब तक आरक्षण बना रहेगा.

बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी की करारी शि‍कस्त के बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आरक्षण के मुद्दे पर यू-टर्न ले लिया है. चुनावी महौल में आरक्षण की समीक्षा की बात कहकर सरगर्मी बढ़ाने वाले भागवत ने बुधवार को कहा कि जब तक सामाजिक भेदभाव रहेगा, तब तक आरक्षण बना रहेगा.संघ प्रमुख ने आरक्षण खत्म करने की मांग करने वालों से कहा कि हजारों साल वंचित तबके ने भेदभाव सहन किया है, तो क्या हम 100 साल आरक्षण की व्यवस्था सहन नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि हमें यह सहन करना चाहिए. जिस समाज में सामाजिक समता नहीं वो कभी उन्नती नहीं कर सकता. यह सच है कि हमारे यहां जातिभेद हुआ है, होना नहीं चाहिए था, लेकिन हुआ है.नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान मोहन भागवत ने अपने पूर्व के बयान पर सफाई देते हुए कहा कि संघ का मानना है कि जब तक सामाजिक भेदभाव है, तब तक आरक्षण की व्यवस्था चलेगी. जिस दिन सामाजिक भेदभाव समाप्त हो गया और जिस दिन खुद सामाजिक भेदभाव से पीड़ित लोग ऐसा कहेंगे, उसी दिन आरक्षण की व्यवस्था को दूर किया जाएगा.मोहन भागवत ने कहा कि जातिभेद ने भारतीय समाज को बांटने का काम किया है.
बिहार चुनावों से पूर्व मोहन भागवत का बयान आया था कि बदली हुई परिस्थितियों में आरक्षण की समीक्षा होनी चाहिए.इस बयान को बिहार चुनाव में लालू यादव और नीतीश कुमार ने खूब भुनाया. और चुनाव में हार के बाद कहा गया कि भागवत के आरक्षण विरोधी बयान का खामियाजा बीजेपी को भुगतना पड़ा.M_Id_121050_Bhagwat हालांकि इस बयान पर उठे विवाद के बाद भागवत और संघ के तमाम नेता गलत मतलब निकालने की बात कहने लगे.