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ओबीसी आरक्षण मे, क्रीमी लेयर असंवैधानिक, समाप्त करने की राज्यसभा में उठी मांग

नयी दिल्ली , कांग्रेस , समाजवादी पार्टी और जनता दल यूनाईटेड ने अन्य पिछड़ा वर्ग  के लिए आरक्षण कोटा में क्रीमी लेयर की व्यवस्था समाप्त करने की आज राज्यसभा में पुरजोर मांग की जिसका अन्य दलों के नेताओ ने भी समर्थन किया।

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जनता दल यू के शरद यादव ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन और उसे संवैधानिक दर्जा देने के प्रावधान वाले विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि ओबीसी आरक्षण कोटा में क्रीमी लेयर की व्यवस्था संविधान के साथ बहुत बड़ा अन्याय है और इसे तुरंत समाप्त किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अभी परीक्षा पास करने के बाद कुछ छात्रों के परिवार की आमंदनी का लेखा जोखा लिया जा रहा है इस व्यवस्था को तत्काल समाप्त किया जाना चाहिए।

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कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने भी कहा कि संविधान में क्रीमी लेयर की अवधारणा ही नहीं है और केवल उच्चतम न्यायालय के आदेश पर इसे मान लिया गया है। उन्होंने कहा कि अभी चपरासी का वेतन भी क्रीमी लेयर में आता है तो ऐसे में इस वर्ग के लोगों के साथ न्याय कैसे होगा। कांग्रेस सदस्य ने कहा कि इस व्यवस्था को तुरंत समाप्त किया जाना चाहिए।

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उन्हीं की पार्टी के आनंद भास्कर रापोलु ने भी कहा कि केवल ओबीसी आरक्षण कोटा में क्रीमी लेयर का प्रावधान किये जाने का क्या औचित्य है। उन्होंने कहा कि इससे आेबीसी वर्ग को इस आरक्षण का पूरा लाभ नहीं मिल पाता।

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इससे पहले समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव ने भी कहा कि ओबीसी के आरक्षण में क्रीमी लेयर की व्यवस्था समाप्त की जानी चाहिए। क्रीमी लेयर की सीमा छह लाख रुपए प्रति वर्ष की आदमनी रखी गयी है। इसकी कोई जरुरत नहीं है। यह अन्यायपूर्ण है। जनता दल यू के शरद यादव समेत सभी दलों के कई सदस्यों उनका समर्थन किया।

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