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बिहार के दो मुख्यमंत्री की पत्नियों ने आधी आबादी की आवाज को संसद में किया बुलंद

पटना,  बिहार के दो मुख्यमंत्री की पत्नी ने लोकसभा में आधी आबादी की आवाज को बुंलद किया है।

आजादी के बाद बिहार में अबतक 23 मुख्यमंत्री बने। इनमे श्री कृष्ण सिंह, दीप नारायाण सिंह, बिनोदानंद झा, कृष्ण बल्लभ सहाय, महामाया प्रसाद सिन्हा, सतीश प्रसाद सिंह, बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल, भोला पासवान शास्त्री, हरिहर सिंह, दारोगा प्रसाद राय, कर्पूरी ठाकुर, केदार पांडेय, अब्दुल गफूर, जगन्नाथ मिश्रा, रामसुंदर दास, चंद्रशेखर सिंह, बिंदेश्वरी दुबे, भागवत झा आजाद, सत्येन्द्र नारायण सिंह, लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, नीतीश कुमार और जीतन राम मांझी शामिल हैं।

बिहार में अबतक दो मुख्यमंत्री चंद्रशेखर सिंह और सत्येन्द्र नारायण सिंह की पत्नी सांसद बनी हैं। पूर्व मुख्यमंत्री चन्द्रशेखर सिंह की पत्नी मनोरमा सिंह ने बांका संसदीय सीट से ही वर्ष 1984 और वर्ष 1986 के उपचुनाव में जीत हासिल की। वर्ष 1984 में श्री चंद्रशेखर सिंह की पत्नी मनोरमा सिंह ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और भाजपा के जर्नादन यादव को मात दी। 1985 के संसदीय उपचुनाव में फिर चन्द्रशेखर सिंह यहां से चुनाव जीते थे लेकिन उनके निधन के बाद 1986 में हुए उपचुनाव में उनकी पत्नी मनोरमा सिंह ने जनता पार्टी के जार्ज फर्नांडीस को पराजित किया और दूसरी बार संसद पहुंचीं।

छोटे साहब के नाम से मशहूर पूर्व मुख्यमंत्री सत्येंद्र नारायण सिंह की पत्नी किशोरी सिन्हा ने वैशाली संसदीय सीट से वर्ष 1980 और वर्ष 1984 के चुनाव में जीत हासिल की। वर्ष 1980 रिपीट 1980 के चुनाव में वैशाली सीट से जनता पार्टी की किशोरी सिन्हा ने इंदिरा कांग्रेस के ललितेश्वर प्रसाद शाही को पराजित किया और पहली बार लोकसभा पहुंचीं। इसके बाद वर्ष 1984 में कांग्रेस की किशोरी सिन्हा ने लोकदल की तारकेश्वरी सिन्हा को शिकस्त दी और दूसरी बार सांसद बनीं।

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी ने भी चुनाव लड़ा था लेकिन वह संसद पहुंचने में कामयाब नहीं रहीं। वर्ष 2014 में राबड़ी देवी ने सारण सीट से चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा ) नेता राजीव प्रताप रूडी से परास्त होना पड़ा। इसके बाद उन्होंने लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ा। वह सांसद तो नहीं बन सकीं लेकिन वह दो बार बिहार की मुख्यमंत्री रही हैं। वह 09 मार्च 1999 से 02 मार्च 2000 और 11 मार्च 2000 से 06 मार्च 2005 तक बिहार की मुख्यमंत्री रही हैं।