अहमदाबाद, बेहद गरीबी भरी जिंदगी और उतार चढ़ाव के बाद अफ्रीका के सबसे धनी लोगों में शुमार हो गये गुजराती मूल के भारतवंशी उद्योगपति नरेन्द्र रावल ने आज कहा कि जीवन में असफल ;फेल होना सफलता के लिए बेहद जरूरी है। उन्होंने सफलता के इच्छुक लोगों से सपने देखने तथा उत्कट जिज्ञासा के साथ लगन से काम करने की अपील भी की।
गुरू के नाम से मशहूर श्री रावल अब केन्या के सबसे बड़े स्टील और सीमेंट उत्पादक समूह के प्रमुख और 6200 कर्मचारियों वाले 4550 करोड़ रूपये के कारोबार वाले देवकी समूह के कर्ताधर्ता हैं। गुजरात के मोरबी जिले के माथक गांव में एक ब्राह्मण परिवार में जन्में श्री रावल का बचपन गरीबी में बीता। सत्तर के दशक में वह एक मंदिर के पुजारी के तौर पर केन्या गये थे। वहां उनके संघर्ष के दिनों में उनकी पत्नी नीता ने ट्रक तक चला कर उनकी मदद की थी। वहां भी कई विफलताओं के बाद वह अब एक बेहद सफल उद्योगपति हैं।
श्री रावल की आत्मकथा गुरू . एक लांग वॉक टू सक्सेस भी खासी लोकप्रिय और प्रेरणास्पद रही है। उन्होंने आज यहां अपने संबोधन में कहा कि लोग सिर्फ सफल होने की ही सीख हासिल करते हैं। यहां तक कि इसी तरह की शिक्षा भी दी जाती है पर जिंदगी में असफल होना सबसे जरूरी है। ऐसे लोग ही जिंदगी की परीक्षा पास कर पाते हैं। जो कभी असफल नहीं हुआ वह मामूली असफतला में आत्महत्या करने जैसे घातक कदम तक उठा लेता है। वह खुद कई बार असफल हुए हैं और इससे काफी कुछ सीखा है।
उन्होंने कहा कि उन्होंने हालांकि सपने देखना कभी नहीं छोड़ा और यह भी जरूरी है। श्री रावल ने कहा कि वह कम उम्र में ही परदेश गये और वहां भी संघर्ष किया। उनके पास पैसे नहीं थे और वह चप्पल तक उधार लेकर गये थे पर उनके हौसले और सपने बड़े थे। कड़ी मेहनत और किस्मत के मेल ने उन्हें ऊंचा मुकाम दिया। श्री रावल को फोर्ब्स पत्रिका ने अफ्रीका के सर्वाधिक अमीर लोगों की सूची में शुमार किया था।a