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मानवाधिकार आयोग ने पत्रकार के उत्पीड़न मामले में किया जवाब तलब

लखनऊ, उत्तर प्रदेश के शामली में पत्रकार के उत्पीड़न संबंधी रिपोर्ट को संज्ञान में लेते हुये राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने शुक्रवार को राज्य के पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी किया है। आयोग ने इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। उसने पूछा है कि दोषी सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गयी और उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की स्थिति क्या है। आयोग ने चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।

मीडिया रिपोर्ट की सुओ मोटो ध्यान में रखते हुये आयोग ने नोटिस जारी किया जिसमें बताया गया है कि पत्रकार को उच्चतम न्यायालय के आदेश के कुछ घंटों बाद रिहा कर दिया गया। शामली में 11 जून को टीवी पत्रकार की जीआरपी के थाना प्रभारी ने पिटाई की। घटना की वीडियो वायरल होने के बाद पत्रकार से अभद्र व्यवहार करने वाले थाना प्रभारी और एक कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया था। शामली रेलवे स्टेशन पर मालगाड़ी की दो बाेगियों के पटरी से उतरने की घटना की रिपोर्टिंग के लिये गये पत्रकार की पुलिस ने पिटाई की और उसे हवालात में बंद कर दिया। घटना की सूचना मिलते ही वहां पत्रकारों का समूह एकत्र हो गया जिनकी पुलिस कर्मियों से तीखी नोकझोंक हुयी।

पीडित पत्रकार का आरोप है कि पुलिस कर्मियों ने उसके मुंह में पेशाब की। आयोग का मानना है कि मीडिया रिपोर्ट में अगर सच्चाई है तो सरकारी कर्मचारियों का रवैया बेहद गैर जिम्मेदाराना और सभ्य समाज को कंलकित किये जाना वाला है। इस मामले में दोषी पुलिसकर्मियों को ऐसी सजा मिलनी चाहिये जाे भविष्य में अन्य कर्मियों के लिये एक सबक हो।