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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अर्थव्यवस्था को लेकर दिया ये अहम बयान…

नयी दिल्ली, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्था में वित्तीय मामलों में बेहद अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है क्योंकि किसी भी तरह की अव्यवस्था से ‘हमारे पड़ोसी की तरह’ वित्तीय उथल-पुथल की स्थिति पैदा हो सकती है।

राजनाथ सिंह ने  यहां रक्षा लेखा विभाग के पुरस्कार वितरण समारोह को संबाेधित करते हुए पाकिस्तान का नाम लिये बिना कहा ,“ हमारा पड़ोसी वित्तीय कुप्रबंधन का जीता जागता उदाहरण है। ” उन्होंने कहा कि पड़ोस में अत्यधिक सैन्यीकरण और गलत नीतियों के चलते ऐसी स्थिति बन गयी है जिसमें किसी देश को आतंकी फंडिंग के लिए अंतर्राष्ट्रीय एजेन्सी द्वारा ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है और उसके प्रधानमंत्री को वैश्विक कार्यक्रम में जाने के वास्ते विमान की व्यवस्था करने के लिए संघर्ष करना पड़ता है।

उन्होंने कहा कि आर्थिक मजबूती, ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा और पर्यावरण सुरक्षा के पहलुओं के चलते राष्ट्रीय सुरक्षा की धारणा ने बहुआयामी रूप ले लिया है। सरकार को बदलती परिस्थितियों के प्रति संवेदनशील बताते हुए उन्होंने कहा कि विकास की राह में आने वाली हर बाधा को हटाया जायेगा। वह सशस्त्र सेनाओं , वैज्ञानिकों और रक्षा विशेषज्ञों की जरूरतों, कार्य प्रणाली और उन्हें सुधारने के तरीकों के बारे में संबंधित लोगों के साथ विचार- विमर्श कर रहे हैं। दूर-दराज के क्षेत्रों में तैनात जवानों के कल्याण को ध्यान में रखने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए नियमों में सकारात्मक बदलाव किये जाने चाहिए और सफल माडल को आदर्श संचालन प्रोटोकोल के रूप में अपनाये जाने की जरूरत है।

राजनाथ सिंह ने रक्षा लेखा विभाग द्वारा विमान ईंधन के लेखे-जोखे के लिए ऑनलाइन प्रणाली विकसित किये जाने की सराहना की और कहा कि इससे पहले वर्ष में ही 21 करोड़ रूपये की बचत हुई है। उन्होंने कहा कि विभाग 32 लाख से भी अधिक पेंशनधारियों को सुविधा दे रहा है और उनकी समस्याओं को सुलझा रहा है। रक्षा पेंशनधारियों के लिए अगले वर्ष तक व्यापक पेंशन पैकेज प्रणाली शुरू होने का विश्वास व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इससे सैनिकों की पेंशन से संबंधित समस्याओं का समाधान एक डिजिटल प्लेटफार्म पर हो जायेगा। रक्षा लेखा के महानियंत्रक संजीव मित्तल ने विभाग सेे संबंधित पेंशन, विक्रेता भुगतान, बजट प्रबंधन, वेतन और भत्ते तथा नवाचार के बारे में विजन -2024 पेश किया।