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विनोद खन्ना की याद में अमिताभ ने साझा की कविता

मुंबई,  बॉलीवुड अभिनेता विनोद खन्ना की निधन से सदी के महानायक अमिताभ बच्चन को गहरा धक्का लगा है। दोनों का बॉलीवुड में याराना किसी से छिपा नहीं रहा और वे हमेशा एक दूसरे के पूरक साबित हुए। हेरा-फेरी, मुकद्दर का सिकंदर और अमर अकबर एंथनी जैसी सुपरहिट फिल्में में साथ काम करने वाले विनोद खन्ना के निधन से दुखी सीनियर बच्चन ने फेसबुक पर एक कविता शेयर की है। अपने 48 वर्ष के रिश्ते को याद करते हुये बच्चन साहब ने लिखा,

आदर और स्नेह, आज के दिन, जब 48 वर्ष? के संबंध को अग्नि की ज्वाला में भस्म होते देखा है, तो आपकी रचना का एक एक शब्द मानव जीवन के सत्य का अदभुत दर्पण है। यदि इजाजत हो तो इसे मैं अपने सोशल मीडिया के मंच पर प्रदर्शित करना चाहूंगा। प्रसून जोशी द्वारा लिखी इस कविता के बोल है- आश्वस्त हूं। सर्प क्यों इतने चकित हो दंश का अभ्यस्त हूं पी रहा हूं विष युगों से सत्य हूं आश्वस्त हूं ये मेरी माटी लिए है गंध मेरे रक्त की जो कहानी कह रही है मौन की अभिव्यक्त की मैं अभय ले कर चलूंगा ना व्यथित ना त्रस्त हूं वक्ष पर हर वार से अंकुर मेरे उगते रहे और थे वे मृत्यु भय से जो सदा झुकते रहे भस्म की सन्तान हूं मैं मैं कभी ना ध्वस्त हूं है मेरा उद्गम कहां पर और कहां गंतव्य है दिख रहा है सत्य मुझको रूप जिसका भव्य है मैं स्वयम् की खोज में कितने युगों से व्यस्त हूं है। मुझे संज्ञान इसका बुलबुला हूं सृष्टि में एक लघु सी बूंद हूं मैं एक शाश्वत वृष्टि में है नहीं सागर को पाना मैं नदी संन्यस्त हूं विनोद खन्ना के निधन के बाद कल अमिताभ बच्चन सबसे पहले अस्पताल पहुंचने वाले में से एक थे। अमिताभ सरकार 3 के प्रमोशन के सिलसिले में एक साक्षात्कार दे रहे थे लेकिन जैसे ही उन्हें विनोद खन्ना के निधन की खबर मिली वह साक्षात्कार को बीच में छोड़कर परिवार को सांत्वना देने के लिए सीधे अस्पताल पहुंचे। वह उनके अंतिम संस्कार में भी शामिल हुये। दोनों सितारों ने हेरा-फेरी, मुकद्दर का सिकंदर और अमर अकबर एंथनी के अलावा परवरिश, जमीर, रेशमा और शेरा, खून पसीना, जैसी फिल्मों में साथ काम किया था।