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2,000 और 500 रुपये के नोट के बारे में, भारतीय रिजर्व बैंक को मिले ये खास निर्देश

नई दिल्ली, नोटबंदी के बाद जारी 2,000 और 500 रुपये के नोट के बारे में भारतीय रिजर्व बैंक को खास निर्देश मिले हैं। केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने आरबीआई को सूचना देने का निर्देश दिया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर 2016 को 500 और 1000 रुपये के नोट को चलन से हटाने की घोषणा की थी। उसके बाद 2000 रुपये और 500 रुपये के नये नोट जारी किये गये।  हरीन्द्र धींगड़ा ने सूचना के अधिकार कानून के तहत नौ नवंबर से 30 नवंबर 2016 के बीव छापे गये 2,000 रुपये और 500 रुपये के नोट की संख्या के बारे में जानकारी मांगी थी। जानकारी प्राप्त करने में विफल रहने के बाद उन्होंने आयोग में अर्जी दी।

रिजर्व बैंक की अनुषंगी इकाई, भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण इकाई ने जवाब में कहा कि नोट छपाई एवं संबद्ध गतिविधियां काफी गोपनीय मामला है। इसमें कच्चे माल, छपाई, भंडारण, परिवहन आदि जैसे अहम ब्योरे जुड़े हैं तथा इसे लोगों के साथ साझा नहीं किया जा सकता है। अगर यह जानकारी दी जाती है तो इससे नकली नोट का प्रयास तथा आर्थिक समस्याएं उत्पन्न होने की आशंका है।आंकड़ों की घोषणा से देश की संप्रभुता और एकता, सुरक्षा, आर्थिक हित को प्रभावित करेगा। अत: इस प्रकार की सूचना आरटीआई कानून की धारा 8 (1) (ए) के तहत नहीं देने से छूट है।

सूचना आयुक्त सुधीर भार्गव मामले की सुनवाई कर रहें हैं। उन्होने इन दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि रोजाना छपाई होने वाले नोट का आंकड़ा इतना संवेदनशील नहीं है जिसे आरटीआई कानून की धारा 8 (1) (ए) के तहत छूट मिले। यह नहीं माना जा सकता कि यह सूचना देने से छपाई से संबंधित कच्चे माल, भंडारण आदि की जानकारी का खुलासा होगा।  सुधीर भार्गव ने कहा कि पुन: मुख्य सूचना अधिकारी यह बताने में नाकाम रहे कि किस प्रकार से यह सूचना देश के आर्थिक हित को प्रभावित करेगा। उन्होने सूचना तुरंत देने का निर्देश दिया।