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44 साल बाद इंग्लैंड का चैंपियन बनने का सपना पूरा..

लंदन,  क्रिकेट का जन्मदाता इंग्लैंड आखिर विश्व चैंपियन बन गया है और आईसीसी विश्व कप को 23 साल के अंतराल के बाद नया विश्व विजेता मिल गया है।विश्व कप की शुरुआत 1975 में इंग्लैंड की जमीन पर हुई थी और इंग्लैंड को विश्व कप ट्रॉफी उठाने में 44 साल का समय लग गया। इंग्लैंड 1979, 1987 और 1992 का फाइनल हारा था लेकिन 27 साल बाद उसने अपनी मेजबानी में पहली बार विश्व चैंपियन बनने का सपना पूरा कर लिया।

इंग्लैंड इस तरह विश्व कप जीतने वाला छठा देश बन गया। विश्व कप को 23 साल बाद नया विजेता भी मिला है। इससे पहले श्रीलंका 1996 में नया विजेता बना था। ऑस्ट्रेलिया ने पांच बार बार, वेस्ट इंडीज और भारत ने दो-दो बार तथा पाकिस्तान और श्रीलंका ने एक-एक बार यह खिताब जीता था। विश्व विजेताओं की इस फेहरिस्त में अब इंग्लैंड का नाम भी जुड़ गया है।  यह दिलचस्प है कि पिछले तीन विश्व कप टूर्नामेंट की मेजबानी करने वाले देशों ने जीते हैं। भारत ने 2011 में अपनी मेजबानी में, ऑस्ट्रेलिया ने 2015 में अपनी मेजबानी में और इंग्लैंड ने 2019 में अपनी मेजबानी में विश्व कप जीता है। इंग्लैंड ने 1975, 1979, 1983 और 1999 में विश्व कप की मेजबानी की थी लेकिन उसे सफलता हाथ नहीं लगी थी।

इस विश्व कप में इंग्लैंड एक समय टूर्नामेंट से बाहर होने के कगार पर पहुंच गया था लेकिन उसने वापसी करते हुए आखिरी दो लीग मैच जीते और सेमीफाइनल में जगह बनायी। इंग्लैंड ने सेमीफाइनल में पिछले चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को ध्वस्त किया और फाइनल में इतिहास के सबसे रोमांचक फाइनल में न्यूजीलैंड को पराजित कर खिताब अपने नाम किया। न्यूजीलैंड को फाइनल में दिल तोड़ने वाली हार के बाद लगातार दूसरी बार उपविजेता रहकर संतोष करना पड़ा। उसका पहली बार खिताब जीतने का सपना सुपर ओवर में टूट गया। न्यूजीलैंड 2015 में ऑस्ट्रेलिया के हाथों फाइनल में पराजित हुआ था। न्यूजीलैंड अब तीसरी ऐसी टीम बन गयी है जिसने लगातार दो फाइनल गंवाए हैं। इंग्लैंड 1987 और 1992 तथा श्रीलंका 2007 और 2011 के फाइनल लगातार हारा था।

इंग्लैंड ने ऐतिहासिक लॉर्ड्स मैदान पर धड़कनों को थाम देने वाले रोमांचक मुकाबले मेंं न्यूजीलैंड को सुपर ओवर में हराया। न्यूजीलैंड ने 50 ओवर में आठ विकेट पर 241 रन बनाये जबकि इंग्लैंड की टीम 50 ओवर में आखिरी गेंद पर 241 के स्कोर पर आउट हो गयी। विश्वकप के इतिहास में खिताब के लिए पहली बार सुपर ओवर का सहारा लिया गया जिसमें भी स्कोर टाई रहा। इंग्लैंड ने सुपर ओवर में 15 रन बटोरे। न्यूजीलैंड ने भी सुपर ओवर में 15 रन बनाए और सुपर ओवर टाई रहा लेकिन निर्धारित पारी में ज्यादा चौके लगाने के कारण इंग्लैंड विजेता बन गया। इंग्लैंड ने अपनी पारी में 22 चौके लगाए थे जबकि न्यूजीलैंड ने अपनी पारी में 14 चौके लगाए थे। विश्व कप में इससे ज्यादा रोमांचक फाइनल आज तक नहीं हुआ। न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियम्सन को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट और फाइनल में इंग्लैंड के लिए 98 गेंदों पर पांच चौकों और दो छक्कों की मदद से अविजित 84 रन की पारी खेलने वाले बेन स्टोक्स को मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार मिला।