मुंबई, बॉलीवुड अभिनेता अर्जुन कपूर ने दक्षिण भारतीय फिल्म केजीएफ चैप्टर 2 और पुष्पा की तुलना हिंदी फिल्म त्रिशूल और दीवार से की है।
अर्जुन कपूर ने हिंदी बेल्ट में केजीएफ चैप्टर 2 और पुष्पा फिल्म की सफलता के बारे में बात की। उन्होंने दोनों फिल्मों की तुलना अमिताभ बच्चन की ब्लॉबस्टर फिल्म त्रिशूल और दीवार से कर दी। उन्होंने कहा कि यश और अल्लू अर्जुन की फिल्मों में देसीपन था। इसी देसी रवैये के कारण ये फिल्में हिंदी बेल्ट में भी खूब पसंद की गईं।
अर्जुन कपूर ने कहा कि अभी भी लोगों को ये समझने की जरुरत है कि आखिर मेनस्ट्रीम सिनेमा क्या है। उन्होंने कहा, मुझे नहीं पता कि आज के दौर में कितने लोगों ने यश जी की त्रिशूल और दीवार देखी है, जो फिल्में बनाना और कहानियां दिखाना चाहते हैं। क्योंकि दर्शक अब भी वही हैं। पुष्पा और केजीएफ इस वजह से चली, क्योंकि उनमें एक तय सीमा तक देसीपन है। हम ‘वुल्फ ऑफ वॉल स्ट्रीट’ में एक गरीब के की अमीर बनने की कहानी के तौर पर देखते हैं, लेकिन हम ‘दीवार’ या ‘त्रिशूल’ जैसी फिल्मों में एक गरीब इंसान के अमीर बनने की कहानी के तौर पर नहीं देखते हैं। गंगूबाई काठियावाड़ी, केजीएफ चैप्टर 2, पुष्पा, आरआरआर, भूल भुलैया 2 और हॉलीवुड फिल्में देखने वाले हिंदी दर्शकों के बीच 2000 करोड़ रुपये से अधिक के टिकट बेचे गए हैं। लोग सिनेमाघरों में आने के लिए पैसा खर्च करने को तैयार हैं, लेकिन इसके लिए मेनस्ट्रीम हमेशा थोड़ा ज्यादा जरुरी होगी।