मायावती की प्रेस कांफ्रेंस से, बीजेपी की धड़कनें बढ़ीं, डैमेज कंट्रोल का है ये प्लान
March 24, 2018
लखनऊ, राज्यसभा चुनाव के बाद सपा-बसपा गठबंधन टूटने का ख्वाब देख रही बीजेपी की धड़कनें बसपा अध्यक्ष मायावती ने बढ़ा दी है। यूपी मे जल्द ही योगी सरकार मंत्रिमंडल विस्तार कर सकती है। योगी सरकार का यह मंत्रिमंडल विस्तार खास तौर पर पिछड़े- दलितों को लुभाने के लिये होगा।
लोकसभा के 2019 मे होने वाले चुनाव को लेकर बीजेपी यूपी की बदली हुयी राजनैतिक परिस्थितियों को लेकर पूरी तरह दबाव मे है। राज्यसभा चुनाव के बाद सपा-बसपा गठबंधन टूटने का ख्वाब देख रही बीजेपी की धड़कनें बसपा अध्यक्ष मायावती ने बढ़ा दी है। मायावती ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस मे साफ कर दिया कि सपा-बसपा गठबंधन अटूट है।
सूत्रों के अनुसार,योगी मंत्रिमंडल मे पिछड़े- दलितों को साथ लाकर डैमेज कंट्रोल किया जा सकता है। शीघ्र ही योगी मंत्रिमंडल का विस्तार कर, मंत्रियों की संख्या 47 से बढ़ाकर 60 की जा सकती है। इसतरह, 13 खाली मंत्री पदों में से ज्यादातर पर पिछड़े और दलित नेताओं को लाया जा सकता है। योगी मंत्रिमंडल के विस्तार मे सपा व बसपा प्रमुख की जातियों यादव और जाटवों को विशेष तरजीह दी जा सकती है।
योगी मंत्रिमंडल मे एक भी जाटव मंत्री नहीं है। मायावती के वोट बैंक को प्रभावित करने के लिये जाटव समाज को योगी मंत्रिमंडल मे प्रतिनिधित्व मिल सकता हैं। वहीं विधान सभा चुनाव मे, भाजपा ने 11 यादवों को टिकट दिया था और 9 यादव विधायक जीतकर आए। इतना अच्छा प्रदर्शन किसी और जाति का नही रहा, लेकिन एक भी कैबिनेट मंत्री नही बनाया गया। योगी मंत्रिपरिषद में अभी यादव समाज से मात्र गिरीश चंद्र यादव को शामिल किया गया है जो मात्र राज्य मंत्री बनाये गयें हैं। यादव समाज से कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है।
योगी मंत्रिपरिषद में पिछड़ी जातियों के प्रमुख नेता माने जाने वाले राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वतंत्र देव सिंह को प्रमोट करके कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है। वहीं, आगरा के एमएलए जी एस धर्मेश को भी मंत्रिपरिषद में लाया जा सकता है। सरकार में बीजेपी की प्रमुख सहयोगी अपना दल के एक पिछड़े नेता को भी कैबिनेट में जगह मिल सकती है, जबकि पार्टी के दूसरे सहयोगी दल के नेता ओमप्रकाश राजभर को कैबिनेट में बेहतर पोर्टफोलियो ऑफर किया जा सकता है।