नई दिल्ली, कर्ज में डूबी प्राइवेट सेक्टर की एयरलाइन जेट एयरवेज ने अपनी आखिरी उड़ान अमृतसर से नई दिल्ली के लिये भरी. करीब 8 हजार करोड़ रुपये के कर्ज में डूबी जेट एयरवेज की आखिरी उड़ान बुधवार मध्यरात्रि को अमृतसर से नई दिल्ली के लिये भरी गई. जेट एयरवेज की विमान सेवा अस्थाई तौर पर बंद हो गई है.
जेट एयरवेज की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘‘कर्जदाताओं और अन्य किसी भी स्रोत से आपातकालीन कोष उपलब्ध नहीं होने से ईंधन और दूसरी अहम सेवाओं का भुगतान नहीं कर पाने की वजह से एयरलाइन अपने परिचालन को जारी रखने में सक्षम नहीं हो पाएगी. इस वजह से हम अपनी सभी अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानों को तुरंत प्रभाव से रद्द करने के लिये मजबूर हैं. ’’
इस एयरलाइन के बंद होने से करीब 20 हजार से अधिक कर्मचारियों का भविष्य अधर में लटक गया है. इसके साथ ही यात्रियों, एयरलाइन के आपूर्तिकर्ताओं का करोड़ों रुपया फंस गया है. बैंकों के समूह द्वारा 400 करोड़ रुपये की त्वरित कर्ज मदद देने से इनकार कर दिए जाने के बाद जेट एयरवेज ने यह फैसला लिया है. वर्तमान में जेट एयरवेज पर बैंकों का 8,500 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है.
जेट एयरवेज के कर्जदाताओं ने बयान जारी कर कहा, ” विचार-विमर्श के बाद हमने फैसला किया है कि जेट एयरवेज के अस्तित्व के लिए सबसे अच्छा तरीका संभावित निवेशकों से बोलियां प्राप्त करना है. 16 अप्रैल को बोली दस्तावेज जारी किए गए हैं. हमें उम्मीद है कि पारदर्शी तरीके से बोली प्रक्रिया सफल होगी. एयर इंडिया प्रमुख अश्वनी लोहानी ने जेट एयरवेज के अस्थाई तौर पर बंद होने को भारतीय एयरलाइन क्षेत्र के लिये झटका बताया है. लोहानी ने फेसबुक पोस्ट में कहा कि देश में विमानन क्षेत्र में लगे सभी के लिए यह दुखद दिन है.