लोकसभा उपचुनावों में भाजपा की लगातार हार, आठ उपचुनावों में एक पर भी नहीं जीती
March 15, 2018
नयी दिल्ली, विधानसभा चुनावों में शानदार सफलता हासिल कर पूरे देश में अपना वर्चस्व बढ़ा रही भारतीय जनता पार्टी को लोकसभा उपचुनाव रास नहीं आ रहे हैं और पिछले आठ उपचुनावों में उसे एक पर भी जीत नहीं हासिल हो सकी है।
पिछले आम चुनाव में प्रचंड बहुमत के साथ केंद्र में सत्ता में आयी भाजपा को इस वर्ष हुये सात लोकसभा चुनाव में से प्रत्येक में हार का सामना करना पड़ा। पिछले वर्ष अक्टूबर में हुये उप चुनाव में उसे पराजय का मुंह देखना पड़ा था। इन आठ उपचुनावों में उसे पांच सीटें गंवानी पड़ी हैं। इनमें से तीन सीटें कांग्रेस ने तथा दो समाजवादी पार्टी ने छीनी हैं।
लोकसभा उपचुनावों में पार्टी की हार का सिलसिला उत्तर प्रदेश में भी नहीं थम सका, जहां उसने पिछले आम चुनाव में 80 में से 71 सीटें जीतीं थीं तथा पिछले वर्ष हुये विधानसभा चुनाव में 300 से अधिक सीटें जीतीं थीं। वह आज प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की सीट भी नहीं बचा सकी। दोनों सीटें समाजवादी पार्टी ने जीतीं। उसे सबसे बड़ा झटका गोरखपुर में लगा, जहां से योगी आदित्यनाथ ने लगातार पिछले पांच लोकसभा चुनाव जीते थे।
इस वर्ष जनवरी में ओडीसा की विजयपुर लोकसभा सीट पर भाजपा को सत्तारुढ़ बीजू जनता दल के उम्मीदवार के हाथों पराजय का सामना करना पड़ा। फरवरी में उसे राजस्थान में अलवर और अजमेर सीट कांग्रेस के हाथों गंवानी पड़ी। पिछले आम चुनाव में भाजपा ने राजस्थान की सभी सीटें जीतीं थीं। इसी के साथ पश्चिम बंगाल की उलूबेरिया सीट में भी उसे हार का सामना करना पड़ा। यह सीट तृणमूल कांग्रेस ने जीती।
उत्तर प्रदेश की दाे सीटों के साथ बिहार की अररिया सीट पर हुये उपचुनाव में भी भाजपा को शिकस्त झेलनी पड़ी। यह सीट राष्ट्रीय जनता दल ने जीती। बिहार में भाजपा और नीतीश कुमार के हाथ मिलाने के बाद हुए पहले संसदीय उपचुनाव में इस गठबंधन को हार का मुंह देखना पड़ा। पिछले वर्ष अक्टूबर में पंजाब की गुरदासपुर सीट भाजपा ने कांग्रेस के हाथों गंवायी थी। यह सीट विनोद खन्ना के निधन से रिक्त हुयी थी।