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गरीबों का ‘सहारा’ बनी ब्रज की रसोई, फ्री में मिलता है भूखों को भरपेट भोजन

लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक ऐसी संस्था है जो गरीब परिवारों को समय पर खाना देने का कार्य की वर्षों से कर रही है। आशियाना प्रत्येक रविवार की सायं 5 बजे इण्डियन हेल्पलाइन सोसाइटी द्वारा संचालित ब्रज की रसोई के द्वारा बच्चों, गरीब, असहाय, बेबस, लाचार, दैनिक मजदूर, ऑटो, ठेला, रिक्शा चालक एवं आमजनों के लिए “ब्रज की रसोई” चलाई जाती है। यहां उन्हें पेट भर भोजन कराया जाता है।

अगर आप गरीब, असहाय, बेबस, लाचार, दैनिक मजदूर, ऑटो, ठेला, रिक्शा चालक हैं और रात को भूखे पेट सोने से बचना चाहते हैं, तो यह खबर आपके काम की है। अब आप हर रविवार को सांय फ्री में भरपेट खाना खाना चाहते हैं, तो इण्डियन हेल्पलाइन सोसाइटी द्वारा संचालित ब्रज की रसोई में भर पेट निःशुल्क भोजन मिलेगा। यहां प्रत्येक रविवार को सायं 5 बजे से रसोई द्वारा गरीब, असहाय, बेबस, लाचार, दैनिक मजदूर, ऑटो, ठेला, रिक्शा चालक एवं आमजनों के लिए निःशुल्क भोजन वितरण किया जाता है। यहां उन्हें पेट भर भोजन कराया जाता है।

संस्था से बातचीत के दौरान संस्थापक विपिन शर्मा ने बताया कि पिछले कई बर्षो से प्रत्येक रविवार को सायंकाल गरीब, असहाय, रिक्शा चालक, ऑटो चालक एवं आम जनों के लिए “ब्रज की रसोई” चलाई जा रही है। बीते रविवार को पूड़ी सब्जी हमारे रसोई परिवार के सदस्य दानवीर धीरज गुप्ता (बंगला बाजार) की तरफ से खिलाया गया था। और बार हलुआ पूड़ी खिलाया जा रहा है। हर बार भोजन बदल बदल कर ही परोसा जाता है।

कुछ लोग शौक से खाना बनाते हैं तो कुछ लोगों का पेशा ही खाना बनाना होता है, कुछ लोगों को खाना बनाने के साथ- साथ नए-नए व्यंजन खाना भी पसंद होता है। लेकिन हर किसी के नसीब में दो वक्त की रोटी नहीं लिखी होती। आज भी हमारे देश में बहुत से ऐसे परिवार हैं जो लोग रोज भूखे सोते हैं,बेसहारा, असहाय लोगों की भुखमरी खत्म करने के लिए सरकार भी कोई ठोस कदम नहीं उठाती हैं। लेकिन कभी-कभी ऐसा लगता है कि अभी भी कुछ लोगों में इंसानियत बाकी है। एक ऐसी ही इंसानियत की मिसाल हैं ।उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में इण्डियन हेल्पलाइन सोसाइटी द्वारा संचालित ब्रज की रसोई है। जो आशियाना क्षेत्र में चिन्हित स्थानों पर नि:शुक्ल भोजन वितरण करवाती है।

संस्था का कहना है कि समाज के हर वर्ग को इसके साथ जोडऩे का प्रयास निरंतर किया जा रहा है। और लोगों से अपील की जाती है अपने प्रियों के जन्मदिन, विवाह की वर्षगांठ, घर में बजुर्गों की पुण्यतिथि के दिन ब्रज की रसोई में आकर आर्थिक सहयोग के साथ-साथ सेवा कार्य कर पुण्य के भागीदार बने ।

संस्था के संस्थापक विपिन शर्मा ने कहा भूखे को भोजन कराना एक यज्ञ के समान है। इस महान कार्य से एक तो पुण्य के भागीदार बनते हैं और दूसरा आत्मिक शांति मिलती है। इसी सोच के साथ दिन-रात जुटी है संस्था क्षेत्रीय अस्पतालों में उपचार के लिए हर रोज पहुंचने वाले सैकड़ों रोगियों व उनके साथ आए तीमारदारों को नि:शुल्क भोजन उपलब्ध करवाना चाहती है। परन्तु संस्था का मानना है कि इस महान कार्य में सभी दानवीरों को आगे आकर हिस्सा लेना होगा तभी इस तरह का आयोजन विधिवत चलाया जा सकेगा।

इण्डियन हेल्पलाइन सोसाइटी के द्वारा गरीबों व जरूरतमंदों की सेवा के लिए जरूरत की चींजें उपलब्ध कराने के लिए संस्था के हर सदस्य का आर्थिक योगदान रहता है। इस संस्था में सैकड़ों लोग जुड़े हैं जिनमे से कोई सरकारी पद पर है तो कोई व्यापारी है. जिसको जैसे बनता है वह इस संस्था में आर्थिक व शारीरिक योगदान देता है

संस्था के राष्ट्रीय महासचिव नीरज शर्मा कहते है कि गरीबों को भोजन कराना सबसे बड़ा पुण्य है। इससे न सिर्फ गरीब अपनी भूख मिटाने के बाद दिल से आशीर्वाद देते हैं, बल्कि ऐसा करने वालों को भी आत्मसंतुष्टि की अनुभूति होती है।

संस्था के सदस्य एस. के. बाजपेई ने दान का महत्व बताते हुए कहा कि चार वस्तुओं का दान सर्वश्रेष्ठ है, जिनमें वस्त्र दान, द्रव्य दान, अन्न दान एवं गौ दान। मनुष्य जब वस्त्र दान करता है तो उसके मानसिक पापों का नाश होता है। उन्होंने कहा कि द्रव्य दान करने से क्रय के द्वारा किए पापों का नाश होता है। गौ दान करने से पूर्व किए हुए पापों का नाश होता है, परतु जब मनुष्य अन्न दान करता है तो उसके दैहिक दैविक और भौतिक तीनों प्रकार के पापों का नाश हो जाता है। उस मनुष्य के जीवन में कभी दरिद्रता नहीं आती- ने बताया कि किसी भूखे को भोजन कराने जैसा अन्य कोई पुण्य नहीं है। इसलिये इण्डियन हेल्पलाइन सोसाइटी द्वारा संचालित ब्रज की रसोई प्रत्येक रविवार बच्चों, दिव्यांग, बुजुर्ग और भूखे लोगो को निःशुल्क भोजन कराया जाता है, जिसमें काफ़ी संख्या में बच्चे, निराश्रित, अकिंचन, दिव्यांग, बुजुर्ग और भूखे लोग शामिल होते है।

गरीब को दान करना व भूखे को खाना खिलाना ही भगवान की असली भक्ति है। भगवान की भक्ति करने का सही तरीका यह हैं कि आप किसी को गलत नहीं बोलें न ही किसी का गलत करें।

जो लोग पुराने कपड़े, पुरानी पुस्तके या अन्य सामान दान करना चाहे तो वह संस्था को मेल या व्हाट्सप्प के माध्यम से भी सम्पर्क कर सकते है। या जो लोग गुप्त सहयोग करना चाहते है वह संस्था के बैंक अकाउंट या QR कोड से भी सहयोग कर सकते है। संस्था 12A और 80G में रजिस्टर्ड है, अगर किसी भी दान दाता को टैक्स में छूट हेतु रसीद की आवश्यकता है हमें व्हाट्सप्प नंबर +91 9208108717 या हमारी  मेल आईडी ihlsociety@gmail.com पर डिटेल भेजकर रशीद प्राप्त कर सकते है।

आज के इस कार्यक्रम में शामिल एस. के. बाजपेई, विजय त्रिपाठी, प्रेम आनन्द श्रीवास्तव, अभिलाष मिश्रा, सुनील दुवे, राजीव पाण्डेय, हर्षित अवस्थी, संजीव बाजपेई, जीतेन्द्र द्विवेदी, एस. के. मिश्रा, रजनीश मिश्रा, रंजीत कश्यप, बिशु गौड़, नवीन कुमार, वरुण कश्यप,संग्राम सिंह गुप्ता सहित सभी समाजसेवी सज्जनों का इण्डियन हेल्पलाइन सोसाइटी के संस्थापक विपिन शर्मा ने आभार व्यक्त किया l