नयी दिल्ली, मोदी सरकार ने बजट में गरीब, किसान तथा ग्रामीण क्षेत्र को सौगत दी है और सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए घरेलू तथा विदेशी निवेश बढ़ाने का ऐलान किया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को संसद में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। बजट में गाँव, गरीब, किसान के जीवन स्तर को ऊँचा उठाने के लिए कई ऐलान किये गये हैं जबकि मध्यम वर्ग के वेतनभोगियों को किसी प्रकार की रियायत नहीं मिलने से खासी निराशा हुई है।
अलबत्ता अमीरों पर कर बढ़ाया गया है। दो करोड़ रुपये से ज्यादा और पाँच करोड़ रुपये तक की आमदनी वालों के लिए अधिभार 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत किया गया है। इससे उन्हें तीन प्रतिशत ज्यादा कर देना होगा। पाँच करोड़ रुपये से ज्यादा की कर योग्य आमदनी वालों के लिए अधिभार 15 से बढ़ाकर 37 प्रतिशत किया गया है। इससे उन्हें सात फीसदी ज्यादा कर देना होगा।
पैंतालिस लाख रुपये तक का मकान खरीदने वालों को आवास ऋण के ब्याज पर आयकर में दी जाने वाली छूट की सीमा भी बढ़ायी गयी है। अगले साल 31 मार्च तक मकान खरीदने वालों को 1.5 लाख रुपये तक की अतिरिक्त आयकर छूट की घोषणा की गयी है।
इस तरह के मकानों के लिए दो लाख रुपये तक की आयकर छूट की व्यवस्था पहले से है जिसे बरकरार रखा गया है।
पेट्रोल और डीजल पर एक-एक रुपये प्रति लीटर का उत्पाद शुल्क बढ़ाने के साथ ही इतनी ही राशि का भार ढांचागत विकास की मद में बढ़ाने का ऐलान किया है। इससे दोनों ईंधनों की कीमत शनिवार से दो-दो रुपये प्रति लीटर बढ़ जायेगी।
सोना-चाँदी और अन्य बेशकीमती धातुओं, काजू, पुस्तकों, ऑप्टिकल फाइबर केबल पर आयात शुल्क बढ़ाने से ये उत्पाद भी महँगे होंगे।एयरकंडीशन, लाउस्पीकर, वीडियो रिकॉर्डर, सीसीटीवी कैमरा, वाहन के हॉर्न, तंबाकू सिगरेट और मोबाइल के पाटर्स भी शुल्क बढ़ाने से महँगे होंगे।
आयातित डिजिटल कैमरा, पूर्ण रूप से आयातित कार, साबुन बनाने के काम में आने वाला कच्चा माल, आयातित स्टैनलैस स्टील उत्पाद, न्यूजप्रिंट और मोबाइल फोन चार्जर आदि भी महँगे हो जायेंगे।
श्रीमती सीतारण ने अगले दशक के लिए 10 सूत्री विजन का ऐलान किया जसमें जनभागीदारी, प्रदूषण मुक्त भारत, अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में डिजिटल इंडिया की पहुँच, बुनियादी तथा सामाजिक ढाँचों का निर्माण, जल प्रबंधन और नदियों को स्वच्छ करना, आत्मनिर्भरता, मेक इन इंडिया, खाद्यान्न, दालों, तिलहनों, फलों एवं सब्जियों का निर्यात बढ़ाना और आयुष्मान भारत के जरिये स्वस्थ समाज का निर्माण शामिल हैं।
घरेलू स्तर पर विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए मध्यम और लघु तथा सूक्षम उद्योगों पर जोर के अलावा स्टार्टअप, रक्षा उपकरणों को देश में बनाना, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और चिकित्सा उपकरणों के क्षेत्र में मेक इन इंडिया की पहुँच को बढ़ाने पर जोर दिया गया है।