गन्ना पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर, मुख्यमंत्री योगी ने खेला बड़ा दांव
November 23, 2018
लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 851 गन्ना पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गयी है। मुख्यमंत्री ने गुरूवार को गन्ना किसान संस्थान डालीबाग में ‘नव नियुक्त गन्ना पर्यवेक्षकों को स्वयं नियुक्ति-पत्र ’ दिये। इस कार्य के साथ ही मुख्यमंत्री ने गन्ना किसानों को खुश करने की नई शुरूआत की है।
गन्ना पर्यवेक्षकों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज का दिन आपके जीवन के लिए स्वर्णिम दिन है, क्योंकि आज आप अपने पैरों पर खड़े होकर सम्मान और स्वावलम्बन की जिन्दगी में प्रवेश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार गन्ना व चीनी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रही है। गन्ना किसानों के बकाये के भुगतान के लिये सरकार ने कई प्रयास किये हैं। जिसके चलते किसानों को बड़ी मात्रा में भुगतान किया गया है।
राज्य सरकार द्वारा 851 गन्ना पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गयी है। पहली बार 78 महिलाएं गन्ना पर्यवेक्षक के पद पर चयनित हुई हैं। गन्ना पर्यवेक्षकों के पद सन् 1999 से रिक्त चले आ रहे थे। गन्ना पर्यवेक्षकों को मृत संवर्ग घोषित कर दिए जाने के कारण इनकी भर्ती बन्द थी। अब 20 वर्षों के बाद सरकार द्वारा इनकी भर्ती की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में दुनिया की सबसे उर्वर भूमि व पर्याप्त सिंचाई की व्यवस्था है। उसके बावजूद पूर्ववर्ती सरकारों ने चीनी उद्योग को हतोत्साहित करने का काम किया। इसके लिए इस वर्ष से गन्ना पर्ची वितरण की नई व्यवस्था भी लागू की गई है। इसलिए यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि किसानों को पारदर्शी तरीके से पर्ची उपलब्ध हो और उनका किसी भी तरह से शोषण न होने पाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार खाण्डसारी उद्योग को बढ़ावा देने का काम कर रही है। इसके लिए शासन द्वारा नीतिगत निर्णय लेकर पारदर्शी एवं ऑनलाइन खाण्डसारी लाइसेंस व्यवस्था लागू की गई है। फलस्वरूप खाण्डसारी उद्योगों हेतु मात्र चार माह की अल्पावधि में 50 नये लाइसेंस जारी किए गए हैं।
योगी ने कहा कि प्रदेश में कुल 119 चीनी मिलें वर्तमान में संचालित हो रही हैं। पिपराईच एवं मुण्डेरवा में 02 नई चीनी मिलें स्थापित की जा रही हैं, जिनमें पेराई कार्य फरवरी, 2019 के अन्त में प्रारम्भ हो जाएगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में एथेनॉल के संयंत्र भी प्रदेश में स्थापित किए जाएंगे।
इस तरह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गन्ना किसानों को यह संदेश देने का पूरा प्रयास किया है कि यूपी सरकार पूरी तरह उनके हित के काम कर रही है। निश्चित रूप से लोकसभा चुनाव से पहले सीेम योगी का यूपी की किसान राजनीति मे एक बड़ा दांव है।