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बंदियों ने जेल मे उत्पीड़न को लेकर मुख्य न्यायाधीश को लिखा पत्र, रिपोर्ट तलब

नैनीताल,  उच्च न्यायालय ने  चमोली जिला कारागार में सजायाफ्ता बंदियों के उत्पीड़न के संबंध मे सख्त रूख अख्तियार करते हुए कारागार महानिरीक्षक से रिपोर्ट तलब की है।

अदालत ने आईजी जेल को आगामी 18 फरवरी तक रिपोर्ट पेश करने को कहा है। साथ ही इस मामले में गृह सचिव को भी पक्षकार बनाया है। मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन तथा न्यायाधीश रमेश चंद्र खुल्बे ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए इस मामले की सुनवाई की।

उल्लेखनीय है कि चमोली कारागार में सजायाफ्ता 26 बंदियों की ओर से उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को एक पत्र लिखकर कहा गया है कि जेल के हेड वार्डन सुरेन्द्र सिंह कोटवाल द्वारा उनका मानसिक तथा शारीरिक उत्पीड़न किया जा रहा हैं जिससे कुछ बंदी आत्महत्या करने को मजबूर हैं। इस पत्र में बताया गया कि जेल परिसर में बंदियों के लिये मंदिर बनाया गया है लेकिन हेड वार्डन उन्हें पूजा भी नहीं करने देता है। हेड वार्डन द्वारा न तो बंदियों को खेलने दिया जाता है आर न ही मनोरंजन करने दिया जाता है। यदि बंदी इसका विरोध करते हैं तो उनका उत्पीड़न किया जाता है।

नये आने वाले कैदियों के साथ भी हेडवार्डन द्वारा बुरा बर्ताव किया जाता है और जिसने श्री कोटवाल की बात नहीं मानी उनके पैर बांधकर तलुओं पर डंडों से मारा जाता है। पत्र में यह भी कहा गया है कि सहायक हेड वार्डन द्वारा शराब के नशे में उनके साथ अत्याचार किया जाता है। जेल के मुख्य दरवाजे में पांव फंसाकर उनकी पिटाई की जाती है। पत्र में कहा गया है कि जेल वार्डन की ओर से कहा जाता है कि यहां मेरा कानून चलते हैं और उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है।

पिछले साल एक नवम्बर 2019 को लिखे गये पत्र में बंदियों ने मुख्य न्यायाधीश से हेड वार्डन के अत्याचार से निजात दिलाने की मांग की है। बंदियों की ओर से राष्ट्रीय मानवाधिकारीए जेल मंत्रीए रूद्रप्रयाग के जिला एवं सत्र न्यायाधीश गोपेश्वरए चमोली के जिलाधिकारीए रूद्रप्रायग के जिलाधिकारी को भी पत्र की प्रतिलिपि भेजी गयी है।