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क्या मेट्रो में यात्रा सुरक्षित है? यात्रा से पहले जरूरी एहतियात के बारे में जानें

नई दिल्ली, मेट्रो ने अपनी सेवाएं पुनः शुरू कर दी हैं जिससे उन यात्रियों को बड़ी राहत मिली है जो अपने घर से ऑफिस जाने के लिए रोजाना यात्रा करते हैं, क्योंकि ये खासकर उन महानगरों में यात्रा का सस्ता और सुरक्षित साधन है जहां लोगों को हर दिन कई किलोमीटर आना-जाना होता है।

कोविड-19 के मौजूदा चुनौतीपूर्ण समय में सोशल डिस्टेंसिंग और स्वच्छता इस महामारी से निपटने का एकमात्र तरीका है और इस संबंध में मेट्रो ने कई मायने में हमारी जरूरतें पूरी की हैं। यह ऐसी एकमात्र सुव्यवस्थित एवं नियंत्रित स्थानीय परिवहन व्यवस्था है जिसमें हरेक गतिविधि पर नजर रखी जा सकती है। इसमें सुरक्षित रूट और स्टेशन शामिल हैं जो पर्याप्त एक्सपर्ट सपोर्ट स्टाफ से जुड़े हुए हैं जिससे निर्धारित कोविड-19 प्रोटोकाॅल के क्रियान्वयन में मदद मिल सकती है। कुछ चुनौतियों के तौर पर समस्याएं हैं जैसे इसमें बंद और एयर-कंडीशंड कम्पार्टमेंट हैं जहां हवाई काफी हद तक अंदर ही घूमती रहती है और ताजा हवा के लिए गुंजाइश काफी कम है। लेकिन नए गाइडलाइंस में हरेक स्टेशन पर कुछ और ज्यादा सेकेंड तक डोर खुले रखना अनिवार्य बनाया गया है जिससे कि हवा का आवागमन बेहतर हो सके।

स्टार इमेजिंग ऐंड पैथ लैब्स में निदेशक समीर भाटी का कहना है

यदि हमें मेट्रो इस्तेमाल की सुरक्षा के बारे में जवाब देना हो तो मैं यह कहना चाहूंगा कि यह इस्तेमाल के लिहाज से 100 प्रतिशत सुरक्षित है, बशर्ते कि यात्री और मेट्रो अधिकारी निर्धारित प्रोटाकाॅल का पालन करें। आज, सभी रूटों पर, मेट्रो अपने सामान्य दैनिक व्यवसाय में वापस लौट आई है और यात्री भी कोविड-19 गाइडलाइंस के अमल को लेकर मेट्रो स्टाफ का सहयोग कर रहे हैं। थर्मल स्क्रीनिंग के बाद स्टेशनों में प्रवेश, उसके बाद सभी तरह की सुरक्षा जांच के साथ सोशल डिस्टेंसिंग पर अमल हो रहा है। बैग या लगेज की सैनिटाइजिंग की एक्सट्रा लेयर का इस्तेमाल हो रहा है। इन सभी औपचारिकताओं को पूरा किए जाने के बाद ही यात्री को प्लेटफाॅर्म की ओर जाने की अनुमति दी जा रही है और उसे सीढ़ियों एस्केलेटर, लिफ्ट आदि का इस्तेमाल करते वक्त भी कम से कम एक कदम की दूरी बनाए रखने की जरूरत है। लिफ्ट के अंदर हैंड स्विच को फुट स्विच में तब्दील किया गया है। इस तरह से स्वच्छता की अवधारणा पर पूरी तरह अमल हो रहा है। इसके अलावा, मेट्रो में प्रवेश के वक्त यात्रियों को दो सीटों के बीच एक सीट छोड़कर बैठने की जरूरत होगी।

हमें न सिर्फ मौजूदा समय में बल्कि भविष्य में भी इन सभी नियमों का पालन करने की जरूरत होगी। हम बार बार अपना चेहरा छूने से परहेज करने, पाॅकेट हैंड सैनिटाइजर रखने, संभव हो तो लिफ्ट के इस्तेमाल से बचने, पेमेंट के डिजिटल मोड का ज्यादा इस्तेमाल करने, फेस मास्क उचित तरीके से लगाने और ट्रेन में चढ़ने के बाद इन्हें नहीं हटाने जैसी कुछ अतिरिक्त सावधानियां बरत सकते हैं। मानकों का पालन करना और अपनी मेट्रो को अपने शहर के परिवहन की लाइफलाइन को कोविड-19 मुक्त बनाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। हम व्यवस्था का हिस्सा हैं और हमारी भागीदारी के बगैर कोई उपयुक्त परिवहन प्रणाली कुशलतापूर्वक नहीं चल सकती।

रिपोर्टर-आभा यादव