Breaking News

सत्ताइस फीसदी ओबीसी आरक्षण को चुनौती

जबलपुर,  मध्यप्रदेश सरकार द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण किये जाने के खिलाफ दायर याचिका पर आज सुनवाई करते हुए मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जे के महेश्वरी तथा अंजुली पालो की युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर उनसे तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना हुआ बेहद आसान,जानें पूरा विवरण…

अब पुराने 1000 के नोट को लेकर मोदी सरकार ने लिया बड़ा फैसला….

भोपाल निवासी प्रत्युष्य द्विवेदी सहित अन्य तीन की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि प्रदेश सरकार की ओर से ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण 28 प्रतिशत किये जाने के संबंध में विधेयक पारित हुआ था। गजट नोटिफिकेशन में 17 जुलाई 2019 को इस एक्ट के रूप में लागू किये जाने के संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया गया है। इसके पहले ओबीसी वर्ग के लिए 14 प्रतिशत आरक्षण निर्धारित थाए जिसे बढ़ाकर 27 प्रतिशत किया गया है। पिछड़े वर्ग के लिए निर्धारित आरक्षण में बढ़ोतरी को असंवैधानिक बताते हुए ये याचिकाएं दायर की गयी थी।

इस बार बिग बॉस 13 में कंटेस्‍टेंट बन कर आएंगे ये सितारें….

पोस्ट ऑफिस में निकली बंपर वैकंसी….

याचिकाकतार्ओं की तरफ से पैरवी करते हुए अधिवक्ता आदित्य संघी ने युगलपीठ को बताया कि वर्तमान में एससी वर्ग के लिए 16 प्रतिशत तथा एसटी वर्ग के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण है। प्रदेश सरकार ने ओबीसी वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने का एक्ट पारित कर दिया है। इसके अलावा 10 प्रतिशत आरक्षण ईडब्ल्यूएस के लिए निर्धारित है। इस प्रकार कुल आरक्षण प्रतिशत 73 प्रतिशत पहुंच जायेगाए जो संविधान की अनुच्छेद 14ए15 तथा 16 में दिये गये प्रावधानों का उल्लंधन है। याचिका में प्रमुख सचिव गृह विभागए सामान्य प्रशासन विभाग तथा विधि विभाग के साथ सचिव एमपीपीएससी को अनावेदक बनाया गया है। युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

एक करोड़ रुपये जीतने का मौका, बस करना होगा ये छोटा सा काम

द कपिल शर्मा शो के बच्चा यादव के फैन्स के लिए बुरी खबर….

इन सरकारी कर्मचारियों को त्योहारों से पहले मिला बड़ा तोहफा…..

अब जानवर की कोख से पैदा होगा इंसान…

गणित के इस सवाल को, क्या आप कर सकते हैं हल..?