उपचुनावों मे बीजेपी की बुरी हार पर, किस नेता ने क्या कहा ?

नई दिल्ली,  उत्तर प्रदेश बिहार मे हुये उपचुनावों  में  बीजेपी बुरी तरह मात खा गई है. यहां तक कि गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा जैसी वीआईपी सीट पर भी वह बुरी तरह हारी है.

यूपी मे सपा-बसपा ने दोहराया जीत का इतिहास, गोरखपुर और फूलपुर मे बीजेपी हारी

बिहार- राजद ने जीती अररिया लोकसभा और जहानाबाद , बीजेपी ने बचायी भभुआ

उपचुनाव परिणामों के बीच मायावती और सपा नेता राम गोविंद चौधरी की हुयी खास मुलाकात

 सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा – ” बीएसपी के गठबंधन की बदौलत हम जीत रहे हैं.” बीएसपी ने उपचुनाव में अपने किसी प्रत्‍याशी को नहीं उतारा था और पार्टी प्रमुख मायावती ने सपा के साथ तालमेल की बात करते हुए समर्थन देने की बात कही थी. उसी पृष्‍ठभूमि में रामगोपाल यादव के इस बयान के मायने निकलते हैं.

बसपा के वरिष्ठ नेता के बेटे ने की आत्महत्या , मायावती पहुंची आवास पर…

अखिलेश यादव ने बीजेपी पर कसा तंज, कहा ये शिक्षा का विषय है, भिक्षा का नहीं….

माया-अखिलेश को लेकर एक बार फिर अमर सिंह के बिगड़े बोल..

 राजनीतिक विश्‍लेषकों के मुताबिक -अगले लोकसभा चुनावों में ये दोनों दल ‘मोदी लहर’ को रोकने के लिए महागठबंधन बना सकते हैं. ऐसे में सपा की बढ़त के साथ बीएसपी को क्रेडिट देकर रामगोपाल यादव ने संभावित सियासी बिसात के संकेत दे दिए हैं.

गोरखपुर मे बीजेपी पिछड़ी तो डीएम ने रोकी नतीजों की घोषणा, विधान सभा मे मचा हंगामा

लोकसभा उपचुनाव मे यूपी – बिहार की सभी सीटों पर भाजपा पीछे

नरेश अग्रवाल के लिए यह क्या बाेल गईं मुलायम सिंह की छाेटी बहू अपर्णा यादव

 बीजेपी के प्रत्याशियों के निर्णायक रूप से पिछड़ने के बाद उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘हमने नहीं सोचा था कि बसपा का वोट इस तरह एसपी को ट्रांसफर हो जाएगा। हम भविष्य में बसपा, कांग्रेस और सपा के साथ आने की स्थिति के लिए तैयार रहेंगे और 2019 के चुनाव जीतने के लिए रणनीति बनाएंगे.

कोरेगांव भीमा में हुयी हिंसा से संबंधित मामले वापस लेने की फिराक मे बीजेपी सरका

 यूपी उपचुनाव के नतीजों पर  सीएम योगी आदित्यनाथ ने भाजपा की हार स्वीकारते हुए कहा है कि पार्टी का अति आत्मविश्वास ही उन्हें ले डूबा। योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘राजनीतिक सौदेबाजी करने का दौर शुरू हुआ है और यह बात प्रदेश की जनता की समझ में आ जाएगी। हमारी हार की एक वजह कम मतदान का होना भी है। उप चुनाव में स्थानीय मुद्दे काम करते हैं जबकि आम चुनाव राष्ट्रीय मुद्दों पर लड़े जाते हैं।’

Related Articles

Back to top button