नई दिल्ली ,  उच्च शिक्षण संस्थाओं में नियुक्तियों में आरक्षण संबंधी रोस्टर प्रणाली के मुद्दे पर विधेयक लाए जाने की मांग को लेकर राज्यसभा मे जबर्दस्त हंगामा हुआ।

 उच्च शिक्षण संस्थाओं में नियुक्तियों में आरक्षण संबंधी रोस्टर प्रणाली के मुद्दे पर विधेयक लाए जाने की मांग कर रहे विपक्ष के हंगामे के कारण राज्यसभा मे जबर्दस्त हंगामा हुआ। 11 बजे बैठक शुरु होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि पिछले तीन दिनों से विभिन्न मुद्दों पर सदन की बैठक लगातार बाधित है।

 वेंकैया नायडू ने आज राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा कराने और शुक्रवार को गैर-सरकारी कामकाज की बजाय विभिन्न दलों की ओर से उठाये गये मुद्दों पर चर्चा कराने का सुझाव दिया।

 इस सुझाव पर विभिन्न दलों के नेताओं के साथ विचार विमर्श के लिये उन्होंने 11 बज कर करीब 10 मिनट पर बैठक को दस मिनट के लिये स्थगित कर दिया। इसके पहले नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाये।

11 बज कर करीब 20 मिनट पर बैठक फिर शुरू होने पर उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के लिए सहमति बन गई है। लेकिन यह चर्चा शुरू करने से पहले, उस अहम मुद्दे पर सदस्य अपना पक्ष संक्षेप में रखें जिसे सदन में लगातार उठाया जा रहा है।

नायडू द्वारा दी गई व्यवस्था के अनुसार, शून्यकाल में उच्च शिक्षण संस्थाओं में नियुक्तियों में आरक्षण संबंधी रोस्टर प्रणाली के मुद्दे पर सदन में संक्षिप्त चर्चा की गई और सदस्यों ने उच्च शिक्षण संस्थाओं में नियुक्तियों में आरक्षण संबंधी रोस्टर प्रणाली के मुद्दे पर सरकार से तत्काल विधेयक लाने की मांग की। चर्चा के जवाब में मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आरक्षण व्यवस्था के लिए सरकार की प्रतिबद्धता जाहिर की।

उन्होंने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर पुनरीक्षण याचिका दाखिल करेगी उसे उच्चतम न्यायालय से न्याय मिलने की पूरी उम्मीद है। मंत्री के जवाब पर विपक्षी सदस्यों ने गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इस संबंध में तत्काल विधेयक लाया जाना चाहिए। सपा और बसपा के सदस्य आसन के समक्ष आ कर सरकार के खिलाफ नारे लगाने लगे।

 सभापति नायडू ने सदस्यों से शांत रहने और कार्यवाही चलने देने की अपील की। लेकिन हंगामा थमते न देख उन्होंने 11 बज कर करीब 35 मिनट पर बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। बजट सत्र में कामकाज के लिये सिर्फ चार दिन बचे हैं। एक दिन (शुक्रवार) गैर सरकारी कामकाज के लिये निर्धारित है।