नई दिल्ली,तीस हजारी कोर्ट परिसर में पार्किंग को लेकर वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच हुई हिंसा के बाद बौखलाए हजारों पुलिसकर्मियों ने मंगलवार को आईटीओ स्थित पुलिस मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया।
दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर सतीश गोलचा ने प्रदर्शन कर रहे पुलिसकर्मियों से कहा- मैं आप सभी से निवेदन करता हूं कि कृपया अपनी ड्यूटी पर लौट जाएं। तीस हजारी कोर्ट में हुई हिंसक घटना में जितने पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, उन्हें कम से कम 25 हजार रुपए मुआवजा दिया जाएगा। इसके बाद एक पुलिसकर्मी ने कहा- अधिकारियों से आश्वासन मिलने के बाद हमने धरना खत्म करने का निर्णय लिया है।
इससे पहले गृह मंत्रालय ने मंगलवार को हाईकोर्ट में याचिका लगाई, जिसमें 3 नवंबर के कोर्ट के आदेश को संशोधित करने की मांग की गई। गृह मंत्रालय का कहना है कि 2 नवंबर को तीस हजारी कोर्ट में वकील और पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद की घटनाओं पर यह आदेश लागू न किया जाए। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को वकीलों के खिलाफ सख्ती न बरतने का आदेश दिया था। गृह मंत्रालय की याचिका पर अदालत ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) समेत वकीलों के दूसरे संगठनों को नोटिस जारी किया। इस मामले पर बुधवार को सुनवाई होगी।
इससे पहले साकेत और तीस हजारी कोर्ट में साथियों से मारपीट के विरोध में मंगलवार को पुलिसकर्मियों ने आईटीओ स्थित पुलिस मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने हाथों में जो पोस्टर लिए थे, उनमें लिखा था कि यहां कमजोर नेतृत्व नहीं, बल्कि किरण बेदी की जरूरत है। पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने पुलिसकर्मियों से काम पर वापस लौटने की अपील की और कहा कि यह हमारे लिए परीक्षा की घड़ी है।
दिल्ली पुलिस के जॉइंट कमिश्नर देवेश श्रीवास्तव ने कहा- आप सभी की मांगें मान ली जाएंगी। साकेत और तीस हजारी कोर्ट मामले में संबंधित आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। प्रदर्शन में जितने भी कर्मचारी शामिल थे, उनके खिलाफ कोई विभागीय कार्रवाई नहीं की जाएगी।
पुलिस कमिश्नर पटनायक ने कहा, “दिल्ली पुलिस हमेशा से चुनौतियां देखती आई है। हम हर परिस्थिति को हैंडल करते हैं। हम कानून के रखवाले हैं और इस व्यवस्था को संभालने की जिम्मेदारी हमारी है। न्यायिक जांच हो रही है, इसलिए उम्मीद करता हूं कि साकेत कोर्ट और अन्य जगहों पर जो भी घटनाएं हुई हैं, इन्हें हम देखेंगे। न्यायिक जांच में भी कुछ निष्कर्ष निकलेगा। इसलिए धैर्य रखें और ड्यूटी पर वापस जाएं।”