लखनऊ, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मेरठ में भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की हुयी बैठक के कार्यकलाप पर बड़ा हमला किया है।
स्वतंत्रता दिवस पर दलित करेगें धर्म परिवर्तन…..
अखिलेश यादव ने कहा है कि जनता की समस्याओं के निदान पर सोचने के बजाय भाजपा नेतृत्व बस मुद्दो को भटकाने की ही कवायद करता रहता है। मेरठ में भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में सिर्फ विपक्ष को कोसने और सामाजिक नफरत की राजनीति को धार देने की ही कोशिश की गई। गरीबों, पीड़ितों, वंचितों तथा समाज के कमजोर वर्गों के लिए उसमें कोई संदेश नहीं।
अखिलेश यादव ने कहा कि जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव की तिथियां नजदीक आ रही हैं, भाजपा नेतृत्व की घबराहट बढ़ती जा रही है। उत्तर प्रदेश के उपचुनावों कैराना, गोरखपुर, नूरपुर, फूलपुर में भाजपा को जैसी करारी मात मिली है उससे उनके होश उड़े हुए हैं। भाजपा को लगता है कि जो गठबंधन आकार ले रहा है वह भाजपा की दिल्ली दौड़ में बड़ा अवरोधक साबित होगा और फिर से सिंहासन पर बैठने के उनके इरादों में कामयाबी नहीं मिलेगी। भाजपा उत्तर प्रदेश के चाहे जो दावा करती रहे पर जनता ने उत्तर प्रदेश से भाजपा का सफाया करने का लक्ष्य तय कर लिया है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा ने केन्द्र में चार वर्ष बिता दिए और उत्तर प्रदेश में 16 महीनें लेकिन इस अवधि में उन्होंने जनहित में कोई ऐसा काम नहीं किया जिसका उल्लेख किया जा सके। किसान तबाह है उसका न तो कर्ज माफ हुआ और नहीं उसको एम.एस.पी. (समर्थन मूल्य) का लाभ मिलेगा। परेशान हाल किसान आत्महत्या के लिए मजबूर है। दर-दर भटक रहें नौजवानों का भविष्य अंधेरे में है। न तो उन्हें नौकरी मिल रही है और नहीं उनके भविष्य की कोई योजना सामने आ रही है। जीएसटी-नोटबंदी के बाद व्यापार चैपट है और कर्मचारियों की विभिन्न उद्योगों में छंटनी की जा रही है। मंहगाई रूक नहीं रही है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि दरअसल, भाजपा का गरीबों, किसानों और कमजोर वर्ग के लोगों के साथ कभी कोई रिश्ता नहीं रहा है। लोक लुभावन घोषणाओं के साथ हिटलर के प्रचार मंत्री गोएबल्स की राह पर चलते हुए एक झूठ को सौ बार दुहराने की कला में पारंगत भाजपा नेतृत्व अब चाहे जितने जतन कर ले, यूपी में रैली, मंथन और विश्राम की परम्परा अपना ले, सन् 2019 के चुनावों में जनता किसी भी तरह उनको समर्थन देने से रही। भाजपा की नियति अब फिर सन् 2004 की होगी जब साइनिंग इण्डिया को जनता ने नकार दिया था। अब अच्छे दिनों का धोखा भी सबके सामने होगा।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा के हो-हल्ला से गरीब की आवाज दबाई नहीं जा सकती है। राजनीति में लोकतंत्र को मैनेज करने में भाजपा को अब सफलता नहीं मिलनेवाली है। समाजवादी नौजवान साइकिल लेकर भाजपा की पोल खोलने निकल पड़ा है। अब समाज का कोई भी वर्ग भाजपा के गेमप्लान में फंसने वाला नहीं है। भाजपा का स्वतंत्रता आंदोलन के मूल्यों से कोई सम्बंध नहीं रहा है इसलिए लोकतंत्र का भी सौदा करने का सपना देखने वाले भाजपा नेतृत्व को समझ लेना चाहिए कि जनता अब जाग चुकी है। वह समाजवादी सरकार के पांच सालों के विकास को भूली नहीं है। किसानों, गरीबों, और नौजवानों का गठबंधन भाजपा की केन्द्र सरकार के लिए उल्टी गिनती का खतरे का लाल संकेत है।