राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनैतिक दलों मे बहुमत की राय, मतपत्र से चुनाव कराये चुनाव आयोग
August 28, 2018
नयी दिल्ली, राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनैतिक दलों की राय है कि चुनाव आयोग मतपत्र से ही चुनाव कराये। चुनाव आयोग द्वारा आगामी विधानसभा चुनाव एवं लोकसभा चुनाव के पहले बुलाई गयी सर्वदलीय बैठक में इन दलों ने ये राय व्यक्त की। बैठक में सात राष्ट्रीय और 34 क्षेत्रीय दलों ने भाग लिया। बैठक में सात राष्ट्रीय और 34 क्षेत्रीय दलों ने भाग लिया।
बैठक के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त ओ पी रावत ने पत्रकारों से कहा कि राजनीतिक दलों के सुझावों को नोट कर लिया गया है और उनका अध्ययन किया जायेगा। फिर उनके अनुरूप समुचित कदम उठाये जाएंगे। कांग्रेस सहित अनेक विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग के सामने इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन की विश्वसनीयता का मुद्दा उठाते हुए इसको लेकर व्यक्त की जा रही आशंकाओं को दूर करने की आज मांग की जबकि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने ईवीएम प्रणाली का समर्थन करते हुए मतदाताओं की सटीक पहचान किये जाने पर बल दिया।
कांग्रेस के अलावा तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल आदि ने आगामी विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव में इलैक्ट्रॉनिक मतदान मशीन के इस्तेमाल पर सवाल उठाते हुए कहा कि ईवीएम को लेकर काफी शंकाएं व्यक्त की जा रही हैं, इसलिए इन शंकाओं को दूर किया जाना चाहिए।कांग्रेस के मुकुल वासनिक ने कहा कि उनकी पार्टी की मांग है कि कम से कम तीस प्रतिशत वीवीपीएटी से निकली पर्ची का मिलान ईवीएम मशीन से हुए मतदान से किया जाना चाहिए ताकि पारदर्शिता का पता चल सके।
तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने कहा कि चुनाव में ईवीएम में गड़बड़ियों को देखते हुए मत पत्रों के जरिये ही चुनाव कराये जाने चाहिए। बनर्जी ने चुनाव में 50 प्रतिशत महिला अारक्षण देने की मांग की। लोकतान्त्रिक जनता दल के प्रमुख शरद यादव ने कहा है कि ईवीएम से चुनाव को लेकर जनता में भ्रम फ़ैल गया है इसलिए चुनाव मतपत्रों से ही किया जाना चाहिए। उनकी पार्टी केवल पंजीकृत पार्टी है इसलिए उसे बैठक में नहीं बुलाया गया था। बैठक में रामविलास पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी ने भाग नहीं लिया क्योंकि उसके पास बैठक की कोई सूचना नही थी।