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लखनऊ के इस प्रसिद्ध मंदिर मे चल रहे बालिका आश्रय गृह पर छापा, छुड़ाई गईं कई बच्चियां

लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ  में 34 साल से चल रहे बालिका आश्रय गृह मनीषा मंदिर में रह रहीं 14 बच्चियों को जिला प्रशासन के अधिकारियों ने  मुक्त कराया.

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बच्चियों ने बालिका गृह के संचालिका पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था. मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन के अधिकारियों ने कार्रवाई की है. सूत्रों के अनुसार इन बच्चियों के माता-पिता से चार-चार हजार रुपये लिए जा रहे थे और खराब हालात में रखा जा रहा था. इसकी वजह से बच्चियां बीमार रह रही थीं. वहीं पैसा लेकर भी बच्चियों को बासी खाना दिया जाता है, कई दफा वह भी नहीं मिलता था.

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बच्चों के संरक्षण के लिए जिम्मेदार बाल कल्याण समिति द्वारा अंजाम दी गई. इस बड़ी कार्रवाई से शहर के सभी बाल गृहों के संचालकों में हड़कंप मच गया है. समिति सदस्य डॉ. संगीता शर्मा ने बताया कि गोमतीनगर स्थित मनीषा मंदिर में कुल 14 लड़कियां आश्रय पाई हुई थीं. इनकी उम्र छह वर्ष से 13 वर्ष तक है.

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सभी को समिति ने अपने संक्षरण में लेने का निर्णय किया है. इस दौरान विरोध की आशंका को देखते हुए पुलिस भी साथ रखी गई थी. समिति के अनुसार फिलहाल छोटी बालिकाओं को प्राग नारायण रोड स्थित राजकीय बाल गृह  में आश्रय दिलाया जा रहा है. वहीं, बड़ी बालिकाओं को मोतीनगर स्थित बालिका गृह में आश्रय दिलाया गया है. इन बालिकाओं की काउंसलिंग की जाएगी, जिसमें उनसे विस्तृत जानकारी लेकर आगे की कार्रवाई के लिए रिपोर्ट तैयार की जाएगी.

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इन बच्चियों को समिति के अधीन अन्य बाल गृहों में रखा जाएगा. दूसरी ओर मनीषा मंदिर की संचालिका व संस्थापिका डॉ. सरोजिनी अग्रवाल ने कार्रवाई को अन्यायपूर्ण और एकपक्षीय बताया है. उनका कहना है कि समिति ने उनका पक्ष तक नहीं जाना और कार्रवाई कर की है.

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