मोदी सरकार का सबका साथ – सबका विकास, पढ़ाई छोड़ने वालों में दलित-मुस्लिम सबसे ज्यादा..?
March 20, 2018
नयी दिल्ली, सबका साथ – सबका विकास के नारे के साथ सत्ता मे पहुंची मोदी सरकार की पोल आज मोदी सरकार के ही एक मंत्री के जवाब से ही खुल गई। देश में स्कूली शिक्षा बीच में ही छोड़ने वाले बच्चों में अनुसूचित जाति, जनजाति और मुस्लिम समुदायों के छात्रों की संख्या सर्वाधिक है।
लोकसभा में राजू शेट्टी के प्रश्न के लिखित उत्तर में मोदी सरकार के मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने बताया कि एकीकृत जिला शिक्षा सूचना प्रणाली के अनुसार मुस्लिम और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों का ड्राप आउट देश के औसत ड्राप आउट से अधिक है। इस संदर्भ में मंत्री ने आंकड़ा भी पेश किया। माध्यमिक स्तर पर तो इन वंचित वर्गों की ड्राप आउट दर लगभग 20 से 25 फीसदी है।
मोदी सरकार के मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा द्वारा बताये गये आंकड़ोें के अनुसार प्राथमिक स्तर पर देश के सभी वर्गों के बच्चों का औसत ड्राप आउट दर 4.13 फीसदी है, जबकि अनुसूचित जाति का 4.46, अनुसूचित जनजाति का 6.93 फीसदी और मुस्लिम समुदाय का 6.54 फीसदी है।
इसी तरह उच्च प्राथमिक में सभी श्रेणियों का औसत ड्राप आउट दर 4.03 फीसदी है तो अनुसूचित जाति का 5.51 फीसदी, अनुसूचित जनजाति का 8.59 फीसदी और मुस्लिम समुदाय का 9.49 फीसदी है। माध्यमिक स्तर पर सभी श्रेणियों का औसत ड्राप आउट दर 17.06 फीसदी है तो अनुसूचित जाति का 19.36 फीसदी, अनुसूचित जनजाति का 24.68 फीसदी और मुस्लिम समुदाय का 24.12 फीसदी है।
नयी दिल्ली, सबका साथ – सबका विकास के नारे के साथ सत्ता मे पहुंची मोदी सरकार की पोल आज मोदी सरकार के ही एक मंत्री के जवाब से ही खुल गई। देश में स्कूली शिक्षा बीच में ही छोड़ने वाले बच्चों में अनुसूचित जाति, जनजाति और मुस्लिम समुदायों के छात्रों की संख्या सर्वाधिक है।
जानिए मायावती ने किसको दी ये अहम सलाह
राज ठाकरे ने किया बड़ा धमाका, मोदी को लेकर किये बड़े खुलासे
चारा घोटाला केस में जगन्नाथ मिश्रा समेत 12 बरी, लालू यादव को सजा…
लोकसभा में राजू शेट्टी के प्रश्न के लिखित उत्तर में मोदी सरकार के मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने बताया कि एकीकृत जिला शिक्षा सूचना प्रणाली के अनुसार मुस्लिम और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों का ड्राप आउट देश के औसत ड्राप आउट से अधिक है। इस संदर्भ में मंत्री ने आंकड़ा भी पेश किया। माध्यमिक स्तर पर तो इन वंचित वर्गों की ड्राप आउट दर लगभग 20 से 25 फीसदी है।
बसपा के बाद अखिलेश ने एक और भरोसेमंद दल की ओर बढ़ाया दोस्ती का हाथ
रामविलास पासवान ने दलितों और पिछड़ों को लेकर BJP की सोच पर उठाये सवाल
बीजेपी की यूपी की राज्यसभा सीट भी फंसी, बसपा की हो सकती है आसान जीत
मोदी सरकार के मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा द्वारा बताये गये आंकड़ोें के अनुसार प्राथमिक स्तर पर देश के सभी वर्गों के बच्चों का औसत ड्राप आउट दर 4.13 फीसदी है, जबकि अनुसूचित जाति का 4.46, अनुसूचित जनजाति का 6.93 फीसदी और मुस्लिम समुदाय का 6.54 फीसदी है।
अखिलेश यादव ने की जनसंख्या के अनुपात मे, अवसरों मे भागीदारी की मांग
सपा नेता ने अखिलेश-मायावती का बताया भविष्य
इस तस्वीर को देख अखिलेश यादव ने कहा,बहुत दुख होता हैं..
इसी तरह उच्च प्राथमिक में सभी श्रेणियों का औसत ड्राप आउट दर 4.03 फीसदी है तो अनुसूचित जाति का 5.51 फीसदी, अनुसूचित जनजाति का 8.59 फीसदी और मुस्लिम समुदाय का 9.49 फीसदी है। माध्यमिक स्तर पर सभी श्रेणियों का औसत ड्राप आउट दर 17.06 फीसदी है तो अनुसूचित जाति का 19.36 फीसदी, अनुसूचित जनजाति का 24.68 फीसदी और मुस्लिम समुदाय का 24.12 फीसदी है।