सुप्रीम कोर्ट मे एससी और एसटी को प्रतिनिधित्व दिए जाने पर, मोदी सरकार की नींद टूटी
April 27, 2018
नयी दिल्ली , उच्चतम न्यायालय में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों को समुचित प्रतिनिधित्व दिए जाने पर मोदी सरकार की नींद टूटी है। कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा को एक पत्र लिखकर सरकार के फैसले की जानकारी दी है।
कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने अपने पत्र में कहा कि उच्चतम न्यायालय में लंबे समय से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। हाल के दिनों में न्यायमूर्ति के जी बालाकृष्णन अनुसूचित जाति समुदाय से एकमात्र प्रधान न्यायाधीश थे। कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने उच्चतम न्यायालय में विभिन्न उच्च न्यायालयों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं होने का भी जिक्र किया।
संविधान के अनुसार उच्चतर न्यायपालिका – उच्चतम न्यायालय और 24 उच्च न्यायालयों में आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है। जबकि विभिन्न सरकारें संसद में यह जवाब देती रही हैं कि वे उच्चतम न्यायालय कालेजियम से अनुरोध कर रही हैं कि न्यायपालिका में अनुसूचित जाति , अनुसूचित जनजाति , अल्पसंख्यकों और महिलाओं को समुचित प्रतिनिधित्व मिले।