‘‘माउंटेन मैन’’ दशरथ मांझी के अविश्वसनीय कार्यों के हुये खुलासे
November 23, 2018
पटना, एक अदना से ग्रामीण मांझी ने सिर्फ हथौड़ा और छेनी की मदद से 22 साल अथक मेहनत कर पर्वत को समतल कर दिया था। अपनी इसी मेहनत और लगन के कारण मांझी ‘‘माउंटेन मैन’’ के नाम से मशहूर हैं। मांझी के इस प्रयास के चलते ही गया जिले के दो ब्लॉक के बीच की दूरी 40 किलोमीटर तक घट गयी।
1960 में एक दुर्घटना में अपनी पत्नी के गुजर जाने के बाद दिहाड़ी मजदूरी करने वाले मांझी ने साथी ग्रामीणों के उपहास की परवाह किये बगैर पहाड़ तोड़ने का काम शुरू किया। अस्पताल से उनके गांव गेहलौर के दूर होने के चलते उनकी पत्नी को समय पर इलाज नहीं मिल सका और इसी कारण उनकी मौत हो गयी।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ‘‘माउंटेन मैन’’ दशरथ मांझी को लेकर बड़े खुलासे किये। कुमार ने कहा, ‘‘मांझी ने अविश्वसनीय इच्छा शक्ति दिखायी। हमें यह भी मालूम हो कि पर्वत को चीरकर समतल करने के अलावा वह भूतपूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से मिलने की इच्छा मात्र से अपने मूल जिला गया से पैदल चलकर नयी दिल्ली पहुंचे थे।’’
मुख्यमंत्री ने एक घटना को याद करते हुए कहा, ‘‘मांझी के प्रति मेरे मन में बहुत सम्मान है। एक बार जब वह मेरे जनता दरबार कार्यक्रम में आये थे तब मैंने उनके प्रति अपना सम्मान प्रकट करने के लिये उन्हें अपनी कुर्सी पर बैठाया।’’