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मजदूरों की घर वापसी से बुंदेलखंड मे सुरक्षा चक्र टूटने का खतरा बढ़ा

लखनऊ, नोवल कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए लागू देशव्यापी लाकडाउन के बाद घर वापस लौट रहे मजदूरों की भीड़ उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड के बाशिंदों के लिये समस्याओ का सबब बन चुकी है।

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महिलाओं एवं बच्चों की भीड़ से विभिन्न जिलों में व्यवस्थाये चरमरा गई है। कोरोना से संक्रमितों की जांच के लिए जिला चिकित्सालयों में जुटाए संसाधन कम पड़ गए है तो लोगो को गांवों में ठहराने व उनकी खानपान की व्यवस्था सुनिश्चित कर पाना मुश्किल हो गया है। 

प्रशासन ने यद्यपि स्थानीय स्तर पर सभी ग्राम पंचायतों को पलायन करके आये श्रमिको के लिए आवश्यक प्रबंध करने के निर्देश दिए है लेकिन भीड़भाड़ ओर अफरातफरी के इस माहौल में कोरोना वायरस से बचाव के लिए यहां लागू लाकडाउन के सुरक्षा चक्र के टूटने का खतरा पैदा हो गया है।

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पिछले कोई डेढ़ दशक से लगातार आपदाओं के शिकार होने के कारण बुंदेलखंड के सभी सातों जिलों चित्रकूट, महोबा, 

झांसी,ललितपुर,जालौन,हमीरपुर और बांदा से श्रमिक वर्ग का भारी पैमाने पर काम की तलाश में महानगरो की ओर पलायन हुआ है।

अति वृष्टि,उपल वृष्टि तो कभी भयंकर सूखा पड़ने के कारण एक तरफ यहां खेती किसानी पूरी तरह चौपट होकर रह गई। 

वही उद्योग धंधों तथा रोजी रोजगार के अन्य संसाधनों के अभाव में जीविकोपार्जन मुश्किल होने पर लोगो को कामकाज की तलाश में दिल्ली,पंजाब,गुजरात,मुम्बई का रुख करना पड़ा।

 श्रमिको के पलायन के कारण यहां गांव के गांव खाली हो गए। कतिपय परिवारों में बृद्ध जनों की मौजूदगी के अलावा सैकड़ो घरों में तालाबंदी हो गई।

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