कैप्टन वरूण सिंह के निधन का समाचार मिलते ही पैतृक गांव में शोक की लहर

देवरिया, तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलीकॉप्टर हादसे में सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत समेत 13 लोगों की मौत के बाद हादसे में एक मात्र जीवित बचे उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के कन्हौली निवासी ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की उपचार के दौरान बुधवार को निधन की सूचना मिलने के बाद देश के साथ उनके पैतृक गांव कन्हौली में शोक की लहर दौड़ गयी ।

देवरिया के लाल की सलामती के लिए लोग प्रार्थना कर रहे थे लेकिन ग्रुप कैप्टन कई दिनों से जिन्दगी के लिए लड़ रही जंग हार गये। बहादुर लाल के निधन की सूचना मिलते ही उत्तर प्रदेश में देवरिया जिले के रूद्रपुर तहसील क्षेत्र के उनके पैतृक गांव कन्हौली में शोक की लहर छायी हुई है तथा उनके आवास पर शोकाकुल लोगों का जमावड़ा लगा हुआ है और भीड़ अपने लाल को गम में शहीद के आवास पर जमा होकर शहीद को श्रंद्धाजलि दे रही हैं।

शहीद वरूण सिंह के परिवार में माता,पिता,भाई के साथ पत्नी और दो बच्चे हैं। उनकी प्रारंभिक पढ़ाई उड़ीसा में हुई थी और वह एनडीए की परीक्षा पासकर वायु सेना में अधिकारी बने। उनके पिता कृष्ण प्रताप सिंह आर्मी में कर्नल के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। वरुण के छोटे भाई तनुज सिंह मुंबई में भारतीय नौसेना में अधिकारी हैं। पिछले साल एक उड़ान के दौरान विमान में बड़ी तकनीकी खराबी के बाद भी कैप्टन वरुण सिंह ने विमान को हैंडल करने हुए विमान को सकुशल जमीन पर उतारा था। उनके इस अदम्य साहस के लिए उन्हें 15 अगस्त 2021 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया था।