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पूर्व मुख्यमंत्री का सुसाइड नोट- 86 करोड़ दे देते तो सुप्रीम कोर्ट का फैसला मेरे पक्ष में आ जाता

latterनई दिल्ली,  अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कालिखो पुल का सुसाइड नोट सामने आया है, जिसके बाद कई राज से पर्दा उठने लगा है। बीते दिनों पिछले दिनों मीडिया में सार्वजनिक हुए कालिखो के इस नोट में कई नेताओं के नाम आने के अलावा कुछ पूर्व और मौजूदा जजों के नाम भी रिश्वत लेने वालों में शामिल हैं। नेताओं और जजों पर रिश्वत लेने के आरोप हैं।

यह सुसाइड नोट अब कालिखो पुल की खुदकुशी के राज से भी पर्दा उठाने का काम कर रहा है। बता दें कि 60 पन्नों का यह सुसाइड लेटर कोई आम सुसाइड नोट नहीं है। इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ एक व्यक्ति की निजी चार्जशीट भी कहा जा सकता है। ये वो लेटर है जिसमें अरुणाचल प्रदेश के कई नेताओं, सुप्रीम कोर्ट के दो मौजूदा जज, कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के अलावा अरुणाचल प्रदेश के सरकारी अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। कालिखो पुल ने आत्महत्या करने के पहले लिखी गई चिट्ठी में कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को उनके पक्ष में करने के लिए कुछ दलाल उनसे भारी-भरकम राशि की मांग रहे थे। कलिखो पुल ने इसमें लिखा है कि राज्य में मंत्री-विधायक आपसी सहयोग से केवल खुद ही आगे बढ़ते हैं और गरीब जनता को नजरअंदाज कर देते हैं। और मुख्यमंत्री बड़े नेताओं, बड़े अधिकारियों और बड़े व्यापारियों को खुश करने में लगा रहता है। इस सुसाइड लेटर में अरुणाचल प्रदेश में हुए पीडीएस घोटाले का भी जिक्र किया है। इसमें कई पूर्व मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों के नामों का जिक्र है। और कई अधिकारियों पर भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गये हैं।

कलिखो पुल ने ये भी बताया है कि कैसे सड़क बनाने के नाम पर भ्रष्टाचार किया गया। 20 किलोमीटर की सड़क को 46 किलोमीटर का बताया गया और पैसों का गबन किया गया। कलिखो पुल ने इस नोट में अरुणाचल प्रदेश के भ्रष्ट मंत्रियों का पूरा रेट कार्ड ही छाप दिया है। इसमें एक पेज पर कलिखो पुल ने लिखा है कि राज्य में हर ट्रांसफर और प्रोमोशन के लिए रिश्वत ली जाती है। हालांकि, कलिखो पुल की ओर से इस नोट में लगाए गए आरोपों की जी न्यूज पुष्टि नहीं करता है क्योंकि ये अभी तक सिर्फ आरोप हैं। यदि ये आरोप सच हैं, तो ये बहुत ही गंभीर मामला है, जिसकी पूरी जांच होनी चाहिए। इसमें कलिखो पुल ने कांग्रेस के कई नेताओं पर रिश्वत मांगने के गंभीर आरोप लगाए हैं। इनमें कई पूर्व केंद्रीय मंत्री शामिल हैं।

बता दें कि पिछले वर्ष अरुणाचल प्रदेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद कलिखो पुल को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी थी। कलिखो के नोट के मुताबिक अगर वो 86 करोड़ रुपये दे देते तो सुप्रीम कोर्ट का फैसला उनके पक्ष में आ सकता था। कलिखो पुल ने इस बात का भी जिक्र किया है कि कैसे देश की न्यायपालिका से उनका भरोसा उठ गया है। इसमें कई ऐसी बातें लिखी हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। कालिखो पुल ने इस नोट में पूरे सिस्टम पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। इस नोट को लेकर कलिखो पुल की पत्नी डांग-विमसाई पुल ने बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट को एक चिट्ठी लिखी और सुसाइड लेटर में लगाए गए आरोपों की सीबीआई जांच की मांग की। सुप्रीम कोर्ट ने कलिखो पुल की पत्नी की चिठ्ठी को एक याचिका में तब्दील कर दिया और इस पर सुनवाई भी शुरू कर दी। लेकिन बीते गुरुवार को कलिखो पुल की पत्नी ने अपनी चिट्ठी वापस ले ली। कलिखो पुल की पत्नी का कहना था कि उन्होंने इस मामले की जांच के प्रशासनिक आदेश जारी करवाने की मांग की थी। जबकि अदालत ने प्रशासनिक आदेश जारी न करके उस पर कोर्ट में सुनवाई शुरू कर दी। कलिखो पुल की पत्नी के वकील ने ये भी कहा कि सुसाइड लेटर में सुप्रीम कोर्ट के दो वरिष्ठ जजों पर आरोप लगाए गये हैं। लेकिन इसके बावजूद इस मामले को सुनवाई के लिए सीनियर जजों की बेंच के बजाए सुप्रीम कोर्ट के जूनियर जजों की बेंच के सामने भेज दिया गया है जो कि ठीक नहीं है।

बता दें कि कलिखो पुल ने पिछले वर्ष 9 अगस्त को आत्महत्या कर ली थी। कलिखो पुल 19 फरवरी 2016 को अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। मुख्यमंत्री बनने से पहले उन्होंने कांग्रेस की नबाम तुकी सरकार के खिलाफ बगावत कर दी थी। और अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। इसके बाद बीजेपी के समर्थन से कांग्रेस के बागी विधायकों ने सरकार बनाई.. और कलिखो पुल को मुख्यमंत्री चुना गया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2016 में अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बहाल करने का फैसला सुना दिया। जिसके बाद कलिखो पुल को मुख्यमंत्री पद से हटना पड़ा। और इसके बाद अगले ही महीने यानी अगस्त 2016 में कलिखो पुल ने आत्महत्या कर ली।

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