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‘मेड इन इंडिया’ सीएआर टी सेल प्रोग्राम पेश

नयी दिल्ली, अपोलो कैंसर सेंटर्स (एसीसी) ने सीएआर-टी सेल कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा करने वाला भारत का पहला निजी अस्पताल समूह बनकर उभरा है और समूह अब 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के रोगियों में बी-सेल लिम्फोमा और बी-एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया के उपचार के लिए नेक्ससीएआर19टीएम (एक्टालिकैब्टाजीन ऑटोल्यूसेल) के साथ शुरुआत करते हुए ‘मेड इन इंडिया’ सीएआर-टी सेल थेरेपी उपलब्ध कराएगा।

सीएआर-टी सेल थेरेपी, जिसे अक्सर ‘लिविंग ड्रग्स’ के रूप में जाना जाता है, में एफेरेसिस नामक प्रक्रिया के माध्यम से रोगी की टी-कोशिकाओं (एक प्रकार की सफेद रक्त कोशिकाएं जिनका कार्य कैंसर कोशिकाओं से लड़ना है) को निकालना शामिल है। फिर इन टी-कोशिकाओं को एक नियंत्रित प्रयोगशाला सेटिंग द्वारा आनुवंशिक रूप से संशोधित किया जाता है, ताकि वे अपनी सतह पर संशोधित कनेक्टर्स को अभिव्यक्त कर सकें जिन्हें काइमेरिक एंटीजन रिसेप्टर्स (सीएआर) कहा जाता है। इन सीएआर को विशेष रूप से एक प्रोटीन को पहचानने के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं जो कुछ कैंसर कोशिकाओं पर असामान्य रूप से अभिव्यक्त होता है। फिर उन्हें वांछित खुराक तक बहुत्पादित किया जाता है और सीधे रोगी को लगा दिया जाता है।

सीएआर-टी सेल थेरेपी को चुनौतीपूर्ण बी-सेल मैलिग्नेंसी वाले रोगियों के जीवन को बदलने में अपनी अद्वितीय सफलता के लिए वैश्विक मान्यता प्राप्त है। दुनिया भर में 25,000 से अधिक रोगियों को इस चिकित्सीय मॉडल से लाभ प्राप्त हुआ है।

एसीसी दिल्ली के हेमेटोलॉजी के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. शिसिर सेठ ने कहा, “ व्यावसायिक स्तर पर सीएआर-टी सेल थेरेपी का उपयोग करके तीन रोगियों का सफल उपचार बी-सेल लिम्फोमा और बी-एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया के खिलाफ हमारी लड़ाई में एक बड़ी कामयाबी को दर्शाता है। ये मामले इन चुनौतीपूर्ण बिमारियों का सामना करने वाले रोगियों को नई आशा प्रदान करने में इस परिवर्तनकारी चिकित्सा की प्रभावकारिता और क्षमता को उजागर करते हैं।”

कार्यक्रम की सफलता के बारे में जानकारी साझा करते हुए उन्होंने कहा, “आयातित दवाओं से रोगियों का सफलतापूर्वक उपचार करने के बाद, अब हम स्वदेशी रूप से निर्मित थेरेपी से उनका उपचार करने के लिए तैयार हैं।”

एसीसी दिल्ली के पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी एवं हेमेटोलॉजी डॉ. अमिता महाजन ने कहा, “सीएआर-टी सेल थेरेपी का सफल कार्यान्वयन भारत में कैंसर उपचार की प्रगति में एक महत्वपूर्ण क्षण को दर्शाता है। इस क्रांतिकारी थेरेपी से रोगियों का उपचार करना चुनौतीपूर्ण बी-सेल मैलिग्नेंसी को संबोधित करने में इस परिवर्तनकारी उपागम की क्षमता और प्रभावकारिता को प्रदर्शित करता है। यह पड़ाव कैंसर के खिलाफ हमारी लड़ाई में एक नए अध्याय का प्रतीक है, जो इन बिमारियों से जूझ रहे लोगों को नई आशा और संभावनाएं प्रदान करता है।”

अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइजेज लिमिटेड के एसीसी दिल्ली के सीईओ पी शिवकुमार ने कहा कि अपोलो कैंसर सेंटर्स ने कैंसर उपचार के क्षेत्र में एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। सफल उपचार प्रदान करने के साथ ही हमने सीएआर-टी को आगे बढ़ाने की अटूट प्रतिबद्धता की है। इस परिवर्तनकारी थेरेपी में सफलता हासिल करने वाला भारत का पहला निजी अस्पताल होने के नाते हमने एक नया मानदंड स्थापित किया गया है, जो अभूतपूर्व स्वास्थ्य देखभाल के प्रति हमारे समर्पण को सुदृढ़ बनाता है। स्वदेशी रूप से निर्मित सीएआर-टी उपचार, नेक्ससीएआर19, सुलभ एवं प्रभावी समाधान उपलब्ध कराने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। अपोलो कैंसर सेंटर्स केवल वृत्तांत ही नहीं बदल रहा है बल्कि हम पूरे भारत और विदेशों में कैंसर रोगियों के लिए बेहतर उपचार परिणाम प्रदान करने की संभावनाओं का पुनर्लेखन भी कर रहे हैं।