IAS से इस्तीफा देकर यह चर्चित युवा, अब करेगा इस क्षेत्र मे काम?
August 27, 2018
नई दिल्ली, महज 13 वर्ष की सर्विस के बाद आइएएस से इस्तीफा देकर इस प्रतिभाशाली युवा ने सबको चौंका दिया है। 2005 बैच के आइएएस और छत्तीस गढ़ मे रायपुर के कलेक्टर ओम प्रकाश चौधरी का इस्तीफा केंद्रीय कार्मिक और प्रशिक्षण ने मंजूर कर लिया है।
ओपी चौधरी ने स्वयं अपने इस्तीफे की घोषणा सोशल मीडिया के द्वारा की है. उन्होने अपने वर्तमान रायपुर के कलेक्टर के आफिस की फोटो शेयर करते हुये फेसबुक पर लिखा है-
मेरे बायंग गांव की गलियों से निकलकर रायपुर के कलेक्टर बनने तक के 13 साल के सफर में जिंदगी ने मुझे अनेकों चुनौतीपूर्ण अवसर दिये. इस सफर में हजारों लोगों ने मुझे प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से साथ दिया, उन्हें शुक्रिया अदा करने के लिये हिन्दी शब्दावली का कोई भी शब्द कम पड़ेगा. मैं अब अपनी माटी और अपने लोगों की बेहतरी के लिये अपना पूरा समय देना चाहता हुं. इसलिये मैंने IAS से त्यागपत्र दे दिया है. जय-हिंद, जय-छत्तीसगढ़…
चौधरी मूलत: रायगढ़ (छत्तीसगढ़) के खरसिया क्षेत्र के बयांग के रहने वाले हैं। चौधरी के पिता एक स्कूल टीचर थे। बचपन मे, 8 साल की उम्र में ही पिता का साया सिर से उठ गया । पिता के निधन के बाद, पांचवीं पास मां ने ठाना कि बेटे को बेहतर शिक्षा देकर बड़ा अधिकारी बनाना है और बेटे ने भी अपनी मेहनत और लगन से मां का सपना पूरा करने मे कोई कसर नही छोड़ी। वह मात्र 22 साल की उम्र मे आईएएस बन गये। ओपी चौधरी, छत्तीसगढ़ मे काफी लोकप्रिय हैं। 2011-12 में बेहतर काम के लिए उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा एक्सीलेंस अवार्ड भी दिया गया था।
दंतेवाड़ा कलेक्टर रहते चौधरी ने जावंगा एजुकेशन सिटी की नींव रखी थी। इसने चौधरी को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई है। नक्सल प्रभावित बच्चों के लिए प्रयास विद्यालय की शुरूआत भी चौधरी की सोच है। इन्होंने, आदिवासी क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों को विज्ञान की शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया । चौधरी ने जिले में लाइवलीहुड कॉलेज की भी शुरुआत की, जिसे बाद में पूरे प्रदेश में लागू किया गया।
सूत्रों के अनुसार, ओपी चौधरी अब राजनीति करेंगे। चौधरी ने इस्तीफे और राजनीति में आने की पृष्ठभूमि करीब आठ महीने पहले ही तैयार करनी शुरू कर दी थी। इस दौरान वह कई बार खरसिया के दौरे पर गए। उनको मुख्यमंत्री रमन सिंह का काफी नजदीकी माना जाता है। इसलिए चर्चा है कि बीजेपी इन्हें खरसिया सीट से टिकट दे सकती है। वैसे खरसिया कांग्रेस का गढ़ है। फिलहाल खरसिया सीट पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नंद कुमार पटेल के बेटे उमेश पटेल विधायक हैं।