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शरद पवार का बड़ा एलान, हम अजीत पवार के फैसले के साथ नही

मुंबई, महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के बाद एक महीने तक चले राजनीतिक गतिरोध के बाद अचानक एक बड़े सियासी उलटफेर में शनिवार को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी  के एक धड़े के साथ गठजोड़ करके आनन फानन में सरकार बनाने के तुरंत बाद राकांपा प्रमुख शरद पवार ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी भाजपा को समर्थन देने के श्री अजित पवार के फैसले की पुष्टि नहीं करती।

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श्री पवार ने एक ट्वीट में कहा,“श्री अजीत पवार का महाराष्ट्र सरकार बनाने के लिए भाजपा को समर्थन देने का निर्णय उनका व्यक्तिगत निर्णय है, न कि राकांपा का। हम उनके इस निर्णय का समर्थन या पुष्टि नहीं करते हैं।” श्री पवार ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाने का उनका नहीं अजीत पवार का फैसला है। श्री पवार ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि इस फैसले में मेरा कोई सम्बन्ध नहीं है, यह अजीत पवार का निर्णय है।

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भाजपा के देवेंद्र फड़नवीस ने शनिवार सुबह लगातारी दूसरी बार राज्य के 19 वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली जबकि राकांपा विधायक दल के नेता अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। श्री अजीत पवार ने शपथ लेने के बाद कहा कि चुनाव परिणाम आने के बाद से आज तक राज्य में कोई भी पार्टी सरकार नहीं बना पाई। उन्होंने कहा,“महाराष्ट्र किसान समस्या सहित कई समस्याओं का सामना कर रहा है, इसलिए हमने एक स्थिर सरकार बनाने का फैसला किया है।”

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सरकार के गठन के बाद राकांपा के अध्यक्ष शरद पवार ने सरकार में शामिल होने के श्री अजीत पवार के निर्णय से किनारा कर लिया है जबकि श्री फड़नवीस ने दावा किया कि उनके पास पूर्ण बहुमत है। इस प्रकार से शपथ ग्रहण के बावजूद सरकार के समीकरणों के बारे में अभी तक कोई स्पष्टता नहीं है। श्री अजीत पवार को कितने विधायकों का समर्थन हासिल है और बहुमत के लिए बाकी विधायक कहां से आएंगे, इस बारे में कोई खुलासा नहीं किया गया है।

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शपथ लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा भाजपा के अध्यक्ष एवं गृहमंत्री अमित शाह ने श्री फड़नवीस और श्री अजीत पवार को ट्वीट पर बधाई दी। श्री फड़नवीस ने कहा कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री का मौका देने के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गृहमंत्री अमित शाह और कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा को धन्यवाद दिया।

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महाराष्ट्र में विधानसभा के चुनाव 21 अक्टूबर को हुए थे और परिणाम 24 अक्टूबर को आये थे। 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को सर्वाधिक 105, शिवसेना को 56, राकांपा को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें हासिल हुईं थीं। विधानसभा चुनाव में भाजपा एवं शिवसेना तथा कांग्रेस एवं राकांपा गठबंधन के रूप में चुनावी मैदान में उतरे थे। भाजपा एवं शिवसेना के गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिलने के बावजूद सरकार का गठन नहीं हो पाया।

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शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद पर दावा कर दिया था जिसे भाजपा ने स्वीकार नहीं किया। कई दिनों तक गतिरोध कायम रहने के कारण राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की सिफारिश पर 12 नवंबर को राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। शुक्रवार की रात तक राज्य में राकांपा, शिवसेना एवं कांग्रेस के बीच गठबंधन हाेने की चर्चा थी और श्री शरद पवार ने शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री तक घोषित कर दिया था कि शनिवार तड़के नया नाटकीय सियासी हलचल देखने को मिली।

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