नई दिल्ली,धरती पर एक ऐसा भी जीव है जो अजर-अमर है. यानी वो कीड़ा कभी नहीं मरता. इस जीव का नाम हाइड्रा है. हाइड्रा के कभी न मरने की बात एक शोध से पता चली है. ये साफ पानी में पाया जाता है. अमेरिका के पोमोना कॉलेज में डेनियल मार्टिनेज ने हाइड्रा पर रिसर्च की. जो ‘प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज’ पत्रिका में प्रकाशित हुई.
रिसर्च के मुताबिक हाइड्रा एक सेंटीमीटर लंबा होता है. इसकी उम्र अब तक अज्ञात है. वैज्ञानिकों के मुताबिक, ये हर परिस्थिती में किसी भी असर के बगैर जीवित रह सकता है. हाइड्रा का मूल शरीर कोशिकाओं से बना होता है. उसमें बेहद कम कोशिकाएं होती हैं. इसकी मूल कोशिकाएं लगातार नई कोशिकाएं बनाने में सक्षम हैं, जिससे हाइड्रा के शरीर में लगातार नई कोशिकाएं बनती रहती हैं और वह सदा एक-सा बना रहता है.
वैज्ञानिकों के मुताबिक, परिपक्वता के बाद इसकी प्रजनन क्षमता में गिरावट होती है. वैज्ञानिक ने यह भी कहा है कि यदि हाइड्रा में कोई वायरस आ जाए, रोगों का खतरा मंडराए तो उसके हमेशा जीवित रहने की संभावना कम है.डेनियल मार्टिनेज कहते हैं, उन्होंने अध्ययन की शुरुआत इस धारणा से की थी कि हाइड्रा बुढ़ापे के असर से अछूते नहीं हैं, लेकिन उनके आंकड़ों ने उन्हें दो बार गलत साबित किया. ताजे पानी में रहने वाले हाइड्रा का जीवन उस सिद्धान्त के विपरीत है, ‘मृत्यु हर जीव की अनिवार्य प्रक्रिया है’. हाइड्रा तब मरता है जब कोई परभक्षी इसका शिकार करे. अतः इसमें अमरत्व का गुण पाया जाता है.
हाइड्रा ताजे पानी में पाए जाते हैं, बहते या रुके पानी में भी हो सकते हैं. वे झीलों में पाए जा सकते हैं, तेजी से बहने वाली धाराएं, जहां पत्थर, टहनियां, जलीय पौधे और वनस्पतियां हो वहां भी हो सकते हैं. प्रदूषित पानी में नहीं पाए जाते. हाइड्रा जीव कोशिका से बनता रहता है और फिर बहुकोशिकीय जीव के रूप में जाना जाता है. हाइड्रा के शरीर में tubular होता है और उसका आकार लम्बा होता है. हाइड्रा के शरीर की दो परतें होती हैं. बाहरी परत को ectoderm, अंदरूनी परत को endoderm कहा जाता है. दोनों परतें नॉन लीविंग उत्तक से जुड़ी होती हैं, जिसे mesogloea कहा जाता है.
हाइड्रा का रिप्रोडक्शन sexual और asexual दोनों तरह से हो सकता है. ये unisexual और bisexual हो सकते हैं. जब ये बाईसेक्सुअल यानी उभयलिंगी/ द्विलिंगी होंगे तो उस रिप्रोडक्शन में मेल सेक्स ऑर्गन टेस्टिस और फीमेल ओवरी होगा. हाइड्रा asexual रूप से budding के जरिए रिप्रोड्यूसप्रोसेस को पूरा करता है. इस प्रोसेस में जब वह परिपक्व हो जाता है, तो यह lateral outgrowth डेवलप करता है. जिसे bud के नाम से जाना जाता है. तब अपने मूल हाइड्रा से अलग हो जाता है और स्वतंत्र रूप से रहता है. फिर एक नए हाइड्रा के रूप में बढ़ता है.