अखिलेश यादव ने कहा कि बूथ स्तर पर मजबूत प्रबन्धन करने के अलावा पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि वे गांव-गांव जाकर आम लोगों से संवाद स्थापित करें. उन्होंने कहा “मैं खुद, हमारे नेता और हमारे कार्यकर्ता सभी जगह पहुंचेंगे. वे उन्हें मेरे मुख्यमंत्रित्वकाल में शुरू कराये गये जनकल्याणकारी कार्यों के बारे में याद दिलाएंगे और मौजूदा भाजपा सरकार की उससे तुलना करने को कहेंगे.
भाजपा ने अनेक वादे किये लेकिन उनमें से एक को भी पूरा नहीं किया. लोगों में भाजपा के प्रति गुस्सा है और उपचुनावों में वही नाराजगी सामने आ गयी. अखिलेश ने दोहराया कि कन्नौज से सांसद उनकी पत्नी डिम्पल यादव आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी, क्योंकि उनके खानदान पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगता है.
उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि राजनाथ सिंह, कल्याण सिंह, रमन सिंह, शिवराज सिंह चौहान जैसे भाजपा नेता परिवारवाद चला रहे हैं. उनके परिवार के लोग राजनीति में हैं। मेरी पत्नी चुनाव नहीं लड़ेंगी. ऐसे में इन भाजपा नेताओं को भी उदाहरण पेश करना चाहिये. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, और केवल आरोप लगाते हैं, तो मैं भी अपना मन बदल सकता हूं. सपा अध्यक्ष ने ‘ईद नहीं मनाने’ सम्बन्धी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाल के बयान को असंवैधानिक करार दिया और आरोप लगाया कि भाजपा साम्प्रदायिक भावनाएं भड़काती है.