अमर सिंह पटेल का निलम्बन, सरकार को पड़ा भारी, दलित -पिछड़े संगठनों का जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन
July 17, 2018
लखनऊ, जाति विशेष की बहुतायत मे की जा रही नियुक्तियों का विरोध करने पर, अमर सिंह पटेल का योगी सरकार द्वारा किये गये निलंबन के विरोध मे आज राजधानी मे दलित -पिछड़े संगठनों का जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन हुआ। जी.पी.ओ. स्थित सरदार पटेल प्रतिमा पर प्रर्दशन मे दलितों -पिछड़ों मे कार्यवाही को लेकर योगी सरकार के खिलाफ जबर्दस्त आक्रोश नजर आया। इससे पहले भी उपनिदेशक राजीव यादव को सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करने को लेकर योगी सरकार ने निलंबित किया था।
सूत्रों के अनुसार, अमर सिंह पटेल का दोष इतना था कि उन्होने सरकारी नियुक्तियों मे जाति विशेष की भारी संख्या मे भर्ती को लेकर सोशल मीडिया पर एक मैसेज किया था। जो योगी सरकार को नागवार गुजरा और अमर सिंह पटेल को निलंबित कर दिया गया। अमर सिंह पटेल उत्तर प्रदेश सचिवालय मे अपर निजी सचिव संघ के अध्यक्ष हैं।
गोरखपुर विश्वविद्यालय में 71 सहायक प्रोफेसर के पद पर ब्राह्मण व ठाकुर जाति के 52 लोगों सहित 62 सामान्य वर्ग के सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति का संदेश सोशल मीडिया पर डालने को लेकर अमर सिंह पटेल को योगी सरकार द्वारा निलंबित कर दिया गया। जिससे पिछड़ें, दलित व अल्पसंख्यक वर्ग में खासी नाराजगी उत्पन्न हो गई। निजी सचिव संघ के अध्यक्ष अमर सिंह पटेल के निलम्बन के विरोध में पिछड़े दलित अल्पसंख्यक वर्ग के दर्जनों संगठन जी0पी0ओ0 पार्क स्थित सरदार बल्लव भाई पटेल प्रतिमा के सामने जोरदार प्रदर्शन किया।
धरना सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव लौटन राम निषाद ने अमर सिंह पटेल के निलम्बन को लोकतंत्र की हत्या बताया। उन्होने कहा कि जब से देश व प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी है, आरक्षण पर चोट दर चोट कर पिछड़ों- दलितों की हकमारी की जा रही है। गोरखपुर विश्वविद्यालय में जाति विशेष के असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्त किये गये हैं। 71 में ओबीसी के मात्र 2 सहायक प्रोफेसर नियुक्त हुए है। हर विभाग में संविधान प्रदत्त आरक्षण कोटा की हकमारी की जा रही है। जिसे अब ओबीसी, एससी वर्ग के लोग बरदाश्त नहीं करेंगे।
सरदार सेना के संरक्षक बी.पी. सिंह पटेल ने कहा कि अमर सिंह पटेल के बहाने बिखरा ओबीसी, एससी, एसटी समूह एक मंच पर आ गया है। लोक सभा चुनाव 2019 में भाजपा को पिछड़ों दलितों के साथ किये जा रहे अन्याय का परिणाम भुगतना पडेगा। सरदार सेना के अध्यक्ष डाॅ0 आर0एस0 पटेल ने कहा कि बड़ी सफाई से पिछड़ों दलितों के आरक्षण कोटा को खत्म किया जा रहा है। आरक्षण नियमावली का उल्लघंन कर उ0प्र0 लोक सेवा आयोग, परिवर्हन विभाग, सभी विश्व विद्यालयों व विभागों में सभी तरह की नियुक्तियों में पिछड़ों के आरक्षण को खत्म किया जा रहा है।
धरना सभा को सोशल जस्टिस ग्रुप के चन्द्रपाल वर्मा, मिशन सरदार पटेल के रामस्वरूप पटेल, पटेल नवनिर्माण सेना, महिला मोर्चा की अध्यक्ष अंशिका पटेल, लोधी महासभा के बृजलाल लोधी एडवोकेट, राष्ट्रीय निषाद संघ के कैलाश नाथ निषाद, भारत सहयोग संगठन के जे0एन0 शाक्या, आशुतोष वर्मा, रामलखन चैरसिया, पदम के डी0के0 आनन्द, कुर्मी किसान कल्याण समिति के राम सुभग पटेल, आबेफ के रमेश यादव, आलोक कुमार वर्मा, अमित पटेल, किशन कुमार पटेल, अशोक राजपूत, हरिशंकर पटेल, डाॅ0 इंदू वर्मा, रवि सिंह पटेल आदि ने भी संबोधित किया।
प्रदर्शन को रोकने के लिए सुबह से ही भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। जुलूस के समय, विरोध प्रदर्शन मे शामिल दलित -पिछड़े संगठनों की पुलिस से जबर्दश्त हाथापाई व तू-तू, मैं-मैं हुई। दलित -पिछड़े संगठनों द्वारा यह निर्णय लिया गया कि आगामी 30 जुलाई को प्रदेश के हर जिला मुख्यालय पर ओबीसी की जनगणना रिपोर्ट उजागर करने, एससी, एसटी की भांति ओबीसी को कार्यपालिका व विधायिका में आरक्षण देने, न्याय पालिका में जजों के चयन के लिए कोलेजियम सिस्टम खत्म कर लोक सेवा आयोग पैटर्न पर आरक्षण के हिसाब से नियुक्ति करने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया जायेगा।
इस प्रदर्शन में सरदार सेना, राष्ट्रीय निषाद संघ, संत गाडगे महासभा, सोशल जस्टिस ग्रुप, कुर्मी कान्ति सेना, मोस्ट बैकवर्ड क्लासेज एसोसिएशन, कुर्मी कान्ति सेना ग्रुप, भारत सहयोग संगठन, जनाधार संगठन, पिछड़ा अल्पसंख्यक, दलित आदिवासी महासंघ, बेरोजगारी आन्दोलन, भागीदारी आन्दोलन, राष्ट्रीय छत्रपति शाहू जी महाराज स्मृति मंच लोधी महासभा, अखिल भारतीय, कुर्मी क्षत्रिय महासभा, डाॅ0 अम्बेडकर राष्ट्रीय एकता मंच, आईबेफ बैकवर्ड आन्दोलन, अधिवक्ता संघर्ष संघ, आरक्षण समर्थक पिछड़ा वर्ग संघ, रिहाई मंच, अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग महासंघ, कुर्मी किसान कल्याण समिति, पटेल नवनिर्माण सेना, पटेल ग्रामीण सेवा समिति आदि संगठनो की भागीदारी रही।