लखनऊ, गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव के नतीजे सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश के गांव शहर के गली कूचों तक भारतीय जनता पार्टी समर्थकाें और विरोधियों के बीच बहस का बाजार गरम हैं वहीं सोशल मीडिया पर भाजपा नेतृत्व को नसीहत देने और सहानुभूति प्रकट करने वालों की तादाद भी कम नही है.
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ गोरखपुर और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के क्षेत्र फूलपुर में मिली हार से भाजपा समर्थक सकते में है. वहीं भाजपा को नापसंद करने वालों की बांछे खिली हुयी है. फेसबुक ट्विटर और व्हाट्सएप पर पिछले 24 घंटे से उपचुनाव के नतीजों पर सहानुभूति दर्शाने और गुबार निकालने संबंधी मैसेजों की बाढ आयी हुयी है।
मृत्युजंय ने ट्वीट किया बच्चे मरे और उन्हें कई फर्क नहीं पड़ा लेकिन जनता इसे नहीं भूली। सुयश सुप्रभ की फेसबुक पोस्ट है गोरखपुर के बच्चे बोल नहीं पाए थे वोट बोल रहे हैं शुक्र है देश में श्मशान की शांति नहीं है।
कीर्ति ने ट्वीट किया काश सिर्फ गायों को वोट देने का अधिकार होता। पत्रकार और लेखक सुधींद्र कुलकर्णी का ट्वीट है यह अंत की शुरुआत है!… 2014 की लहर 2019 में 180 डिग्री से पलट जाएगी।
वरिष्ठ पत्रकार प्रिया सहगल का कहना है उस समय जबकि भाजपा उत्तर.पूर्वी भारत जैसे नए क्षेत्रों में अपनी पहुंच बना रही है. वहीं अपने गढ़ कहलाने वाले क्षेत्रों में पकड़ खो रही है। मध्य प्रदेशए राजस्थानए उत्तर प्रदेश और बिहार के उपचुनाव का यह एक स्पष्ट संदेश है।
व्यंग्यकार आलोक पुराणिक का ट्वीट है. खुद साफ होकर सपा.बसपा की जीत में कांग्रेस खुश है. दिल भर आयाए दूसरों की खुशी में खुश होने का भारतीय संस्कार अभी गया नहीं है।