प्रवीण निषाद ने कहा है कि यदि इस चुनाव में जीतते हैं तो समाजवादी पार्टी का इसकी चिर प्रतिद्वंद्वी मायावती के साथ चुनाव के लिए एक बड़ा गठबंधन बन सकता है. यूपी के लोकसभा उपचुनाव में 25 वर्षों में पहली बार समझौता करके कट्टर प्रतिद्वंद्वी बीजेपी को रोकने के लिए साथ जुटे हैं. यह एक ऐसा कदम है जिसे दूरवर्ती कदम के के रूप में देखा जा सकता है जो कि 2019 के आम चुनावों के लिए एक बड़ी विपक्षी एकता का मार्ग प्रशस्त कर सकता है.
मायावती ने लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के खिलाफ उम्मीदवार खड़े नहीं किए हैं. बसपा के कार्यकर्ता दलित समुदाय से निषाद पार्टी के उम्मीदवार को वोट देने को कहते रहे, जो कि समाजवादी पार्टी के टिकट से चुनाव लड़े.
प्रवीण निषाद को अखिलेश यादव ने गोरखपुर में चुनाव मैदान में उतारा है. निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ संजय निषाद के पुत्र प्रवीण निषाद ने एनडीटीवी को बताया, “अगर हम जीतते हैं, तो एक बड़ा गठबंधन होगा ,अगर हम हार जाएंगे, तो नई रणनीतियां बनेंगी.” बूथ स्तर पर दोनों पार्टियों की जमीन पर काम करने वाले लोग “एक साथ” होते हैं.