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मुस्लिम समुदाय से संबंधित मामलों की देखरेख में सपा नेता असफल रहे- बुखारी

bukhariरामपुर,  उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ पार्टी के भीतर चल रहे घमाासान को देखते हुए जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी का मानना है कि मुस्लिम मतदाताओं को सपा को छोड़ किसी और विकल्प की तलाश करनी चाहिए। समाजवादी पार्टी को खुले तौर पर समर्थन देने वाले बुखारी के अनुसार, अब समुदाय को सपा के बारे में सोचना बंद कर देना चाहिए, क्योंकि अब समय आ गया है कि मुस्लिम समुदाय किसी और को चुने।

2012 के विधानसभा चुनावों के दौरान मुलायम सिंह यादव के साथ मंच साझा करने वाले बुखारी ने कहा, सपा ने मुस्लिमों के साथ धोखा किया और केंद्र में सरकार बनाने में भाजपा की मदद की। मुलायम सिंह के परिवार से पांच सांसदों को लोकसभा में भेजा गया था। 2012 में अपने घोषणापत्र के जरिए किए गए वायदों के अनुसार, मुस्लिम समुदाय से संबंधित मामलों की देखरेख में सपा नेता असफल रहे। बुखारी ने कहा, सपा के भीतर विवाद पैदा कर रहे गुटों व समुदाय को धोखा देने के एवज में आगामी चुनाव में मुस्लिम सबक सिखाएंगे। समुदाय को दूसरा विकल्प खोजना चाहिए।

सपा सरकार पर मुसलमानों के लिए कुछ न करने का आरोप लगाते हुए बुखारी ने कहा, मुस्लिमों को धोखा देने के लिए समाजवादी पार्टी को आने वाले विधानसभा चुनाव में सबक सिखाना चाहिए। समुदाय को नया विकल्प ढूंढना होगा, ताकि कोई भी नेता आगे से उन्हें हल्के में न ले। मुस्लिमों के लिए कुछ न करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि 2012 विधानसभा चुनाव से पहले मुलायम सिंह ने मेरा समर्थन लिया और मुस्लिमों को 18 फीसद आरक्षण दिलाने जैसे कई वादे किए। लेकिन सरकार मुस्लिमों के मूलभूत अधिकार भी पूरे नहीं कर पाई। बुखारी ने बताया कि मात्र एक साल में उत्तर प्रदेश में सपा के शासनकाल के दौरान कुल 113 सांप्रदायिक घटनाएं हुईं और 14 जगहों पर कर्फ्यू लगाना पड़ा था। इसके अलावा शाही इमाम ने आरोप लगाया कि मुस्लिमों को राज्य में प्रशासनिक पद भी नहीं दिए गए।

अक्टूबर में बुखारी ने लखनऊ दौरा किया ताकि परिवार में हो रही कलह और मतभेदों को दूर कर सुलह करा सकें। उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, मुलायम और शिवपाल यादव से अलग-अलग मुलाकात की और बाद में उन चारों ने मुलाकात की। तब शाही इमाम ने कहा, इस पारिवारिक झगड़े के कारण मुस्लिम समुदाय पशोपेश में है क्योंकि वह नहीं जानता है कि उसे क्या करना चाहिए। मुस्लिमों ने सपा को काफी उम्मीदों के साथ अपना मत दिया था। मैं आशा करता हूं कि इस कारण से जो भी नुकसान हुआ वह जल्द ही खत्म हो जाएगा।

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