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आखिर क्यों गिड़गिड़ाये अमित शाह , अखिलेश यादव को लेकर कही ये बड़ी बात?

लखनऊ, उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनैतिक उठापटक के साथ साथ मान मनौव्वल का दौर जारी है। लेकिन आज तो गृह मंत्री अमित शाह वोट लेने के लिये लगभग गिड़गिड़ाते नजर आये। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का डर आखिर उनकी जबान पर आ ही गया।

उत्तर प्रदेश चुनाव से ठीक पहले यूपी के जाट नेताओं के साथ  दिल्ली में बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा के घर पर गृह मंत्री अमित शाह ने करीब डेढ़ घंटे तक बैठक की। अमित शाह ने जाट समुदाय को दिए गए सम्मान और 2017 से पहले की कानून-व्यवस्था की याद दिलाते हुए वर्ष 2014, 2017 और 2019 में बीजेपी की सरकार बनवाने के लिए जाटों को क्रेडिट दिया। उन्होने जाट नेताओं से लगभग गिड़गिड़ाते हुये कहा कि वर्ष  2014, 2017 और 2019 की तरह एक बार फिर बीजेपी की झोली भर दें।

जाट नेताओं के संग बातचीत के दौरान अमित शाह ने कई बार भावुक अपील भी की। उन्होंने कहा कि 2014 में आपने सरकार बनाई, 2017 में बहुत डराया, धमकाया और हड़काया, मेरी जगह कोई और होता तो रो देता। लेकिन आपने कहा हम आपको वोट देंगे और फिर आपने प्रचंड बहुमत से सरकार बना दी , 2019 में भी यही किया।अमित शाह ने जिक्र करते हुये कहा कि 2017 के चुनाव के दौरान उन्हें जाट नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह से डांट पड़ी थी। उन्होने आगे कहा कि जब भी हम आपके पास आए आपने हमारी झोली में छप्पर फाड़ के वोट दिए। कई बार हमने आपकी बात को नहीं माना तब भी आपने हमें वोट दिया।

सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि उन्होंने खुद अपनी राष्ट्रीय राजनीति को यूपी से शुरू किया था । अमित शाह ने जाट समुदाय के साथ 650 साल पुराना रिश्ता बताते हुए कहा कि आपने मुगलों के खिलाफ लड़ाई लड़ी, हम भी लड़ रहे हैं। किसानों के लिए जाट भी सोचते हैं और बीजेपी भी सोंचती है। देश की सुरक्षा के लिए जाट सोचते हैं और बीजेपी भी। अमित शाह ने कहा कि यदि कोई शिकायत है तो उनसे झगड़ा कर सकते हैं, लेकिन पार्टी से कोई नाराजगी ना रखी जाए। गृह मंत्री ने अपने संबोधन के दौरान यहां तक अपील कर दी कि अगर डांटना है तों बालियान के साथ मेरे घर पर आ जाना लेकिन वोट ग़लत जगह डालने की गलती मत करना। स सब के अलावा जाट समाज के बीच शाह ने राम मंदिर का मुद्दा भी उठा दिया, कहा  कि 600 सालो से राम मंदिर की लड़ाई लड़ रहें थे लेकिन मोदी सरकार ने मंदिर का निर्माण शुरू कर दिया है।

इसके बाद अखिलेश यादव का डर आखिर उनकी जबान पर आ गया । अमित शाह ने कहा कि आप बताओ कि अखिलेश कि सरकार लाओगे क्या ? झगड़ा करना है तों मेरे साथ कर लो बाहर के व्यक्ति को क्यों लाते हो। अमित शाह ने बैठक के दौरान जयंत चौधरी पर भी बड़ा बयान दिया। उन्होने कहाकि जयंत चौधरी ने इस बार गलत घर चुन लिया है। हम भी जयंत को चाहते थे , अगली बार आप उससे बात कर लेना। गृह मंत्री ने कहा कि आप सब एकजुट हो जाएं, वोट हमें दें, सोचने का काम हम करेंगे।

पश्चिमी यूपी में जाट क़रीब 17 प्रतिशत हैं, 45 से 50 सीट ऐसी हैं जहां जाट वोटर ही जीत-हार तय करते हैं। लेकिन करीब एक साल तक चले किसान आंदोलन की वजह से  जाटों की इस बार बीजेपी से दूरी बढ़ी है। किसानों का गुस्सा और जाट आरक्षण ने भी बीजेपी के खिलाफ माहौल बना दिया है। अखिलेश यादव ने जब से जयंत चौधरी से हाथ मिलाया गया है, कहा जा रहा है कि जाटों का समर्थन इस गठबंधन के साथ है।   जयंत चौधरी ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन किया है। दोनों नेता साझा रैली भी कर चुके हैं।

इधर दिल्ली में बीजेपी की बैठक के बीच समाजवादी पार्टी ने ट्वीट किया।किसानों के परिवार के साथ अखिलेश यादव की तस्वीर ट्वीट कर समाजवादी पार्टी ने लिखा किसानों का सम्मान, समाजवादियों की पहचान.

सपा ने कहा, ”सरकार बनने पर किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों के परिवारों को 25-25 लाख रुपये की आर्थिक मदद और उनके सम्मान में किसान स्मारक बनाया जाएगा.”

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वहीं, सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने कहा है कि किसान की कोई जाति नही होती है। अमित शाह ने बैठक में उन जाटों को बुलाया जो किसान आंदोलन मे शामिल ही नहीं हुये। अमित शाह बीजेपी की बुरी हालत देककर खुद चुनावी मैदान में कूंद गए हैं। उन्होने पिछले दिनों कैराना का दौरा कर सांप्रदायिक मुद्दों को धार देने की भी कोशिश की है।