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बंद हैं गोल्फ कोर्स , कैडी जूझ रहे रोजीरोटी की समस्या से ?

लखनऊ,  उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के तीनों गोल्फ कोर्स पूरी तरह से बंद हैं, लिहाजा इनमें कैडी की तरह काम करने वालों के लिए रोजीरोटी की समस्या पैदा हो गई है।

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राजधानी में सेना का एक लखनऊ गोल्फ क्लब और पाम गोल्फ क्लब है जहां करीब 500 कैडी काम करते हैं। गोल्फ खेलने वाले लोगों के स्टिक ढोने वालों को कैडी कहा जाता है। स्टिक चूंकि भारी होती हैं और हर खिलाड़ी चार से पांच स्टिक का इस्तेमाल करता है, इसीलिए कैडी की जरूरत होती है।

हर कैडी को नौ होल (जो एक राउंड होता है) पूरा करने में 120 रूपये मिलते हैं। एक राउंड पूरा करने में डेढ़ से दो घंटे लगते हैं। किट चूंकि वजनी होती है लिहाजा एक कैडी दो राउंड ही पूरा कर पाता है। इस तरह से देखा जाए तो एक कैडी को रोज 240 रूपये मिल पाते हैं।

कैडी इसके अलावा रेस्टोरेंट में डिलीवरी ब्वाय का भी काम करते हैं। ज्यादातर कैडी ला मारटिनियर सकूल के आसपास ही रहते हैं जो लखनऊ गोल्फ कलब के पास ही है। गोल्फ क्लब ने बंदी के कारण कैडियों को खाने के पैकेट बांटे थे लेकिन यह सिलसिला बहुत दिन तक नहीं चला।

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क्लब ने कैडियों को एक-एक हजार रूपये भी दिये थे लेकिन खुद और परिवार का पेट पालने के लिए ये काफी नहीं है। इनके लिए रेस्टोरेंट और घरों मे काम करना भी अभी बंद है। हालांकि लखनऊ गोल्फ क्लब ने और पैसे देने का आश्वासन दिया है।

ऐसी ही हालत स्कोरर और क्रिकेट के अंपायरों की भी है। शहर के केडी सिंह बाबू , चौक, चारबाग, सहारा स्टेडियम में हमेशा मैच होते रहते हैं। इसके अलावा और भी स्टेडियम शहर में हैं जहां नियमित अंतराल में मैच होते हैं। यह मैच ही अंपायर और स्कोरर की कमाई का जरिया हैं लेकिन अभी सब ठप्प पड़ा है। अधिकतर अंपायर और स्कोरर नौकरी पेशा नहीं है।

इनकी आमदनी का जरिया यही काम है। लाकडाऊन और आगे बढ़ा तो इनके सामने गंभीर समस्या कड़ी हो जायेगी। 15 मार्च से सभी मैच बंद हो गए हैं। हर मैच में अंपायर और स्कोरर को 650 से 800 रूपये मिलते हैं। एक मैच मे दो अंपायर और एक स्कोरर की जरूरत होती है।

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